इतिहास के साथ सांस्कृतिक गौरव के दर्शन भी करवाएगा सोनीपत का स्वर्णप्रस्थ म्यूजियम- पदमश्री विजय चोपड़ा
-सोनीपत पहुंचकर पदमश्री विजय चोपड़ा जी ने किया स्वर्णप्रस्थ म्यूजियम की ऋषि-मुनि गैलरी का उद्घाटन
-भावी पीढ़ी को दी विश्व इतिहास एवं संस्कृति से प्रेरणा लेने की नसीहत, कम होती सहयोग
की भावना पर जताई चिंता
सोनीपत, 10 जुलाई। पंजाब केसरी समूह के मुख्य संपादक पदमश्री विजय चोपड़ा ने रविवार को सोनीपत के स्वर्णप्रस्थ म्यूजियम में पहुंचकर ऋषि-मुनि गैलरी को लोकार्पित किया। पदमश्री चोपड़ा यहां आयोजित उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने म्यूजिम में सजाई गई ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक वस्तुओं का बारीकी से अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि स्वर्णप्रस्थ म्यूजियम ऐतिहासिकता के साथ ही सांस्कृतिक गौरव के दर्शन भी करवाता है। भावी पीढ़ी के लिए यह म्यूजियम दुर्लभ ज्ञान का अहम साधन बन सकेगा। इससे पहले म्यूजियम में पहुंचने पर सोसायटी फॉर द डवैल्पमेंट ऑफ सोनीपत टाऊन के सदस्य सचिव राजेश खत्री, संयुक्त सचिव जसबीर खत्री व पुरातत्वविद डा. डी.वी. शर्मा पदमश्री विजय चोपड़ा जी का स्वागत किया।
पदमश्री विजय चोपड़ा ने ऋषि-मुनि गैलरी को लोकार्पित करने के बाद अन्य गैलरियों में रखी प्राचीनतम वस्तुओं का भी जायजा लिया। उन्होंने कहा कि स्वर्णप्रस्थ म्यूजियम की खास बात यह है कि यहां पर देशभर से दुर्लभ वस्तुएं जुटाकर सजाई गई हैं। इन वस्तुओं के माध्यम से अपनी संस्कृति और अपने इतिहास से रूबरू होने का बेहतर अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि भावी पीढ़ी को अपने इतिहास एवं संस्कृति से प्रेरणा लेते हुए आगे बढ़ते रहना चाहिए। साथ ही उन्होंने नसीहत दी कि भावी पीढ़ी को देश-दुनिया की संस्कृति से सीख भी लेनी चाहिए।उन्होंने देश में एक दूसरे के प्रति लगातार कम हो रही सहयोग की भावना पर चिंता जाहिर भी की। उन्होंने कहा कि किसी भी पीढ़ी को जीवन में उन्नति करने के लिए अपनी जड़ों से जुड़े रहना बेहद जरूरी है। संस्कार एवं संस्कृति को भूलना नहीं चाहिए।
इस दौरान सतपाल नाथ महाराज, विजय शर्मा, सूरज शास्त्री, सत्यवान खत्री, आर.के. जैन, भीम सिंह, अजय शास्त्री, बिजेंद्र, किशोरी लाल, अभिमन्यु, सुलेख, बलवान व अमित आदि मौजूद रहे।
जर्मनी का संस्मरण सुनाकर किया प्रेरित
पदमश्री विजय चोपड़ा जी ने उपस्थित जनों को बताया कि काफी साल पहले वे एक बार जर्मनी में गए थे। वहां पर जिस परिवार के यहां वह ठहरे थे, उनके आदर भाव से वे अभिभूत हो गए थे। जर्मनी के उस परिवार ने अपनापन दिया और माता-पिता व भाई बहन की तरह से बर्ताव किया। यही नहीं, जब वह आने लगे तो वे लोग उन्हें वापस आने देने के लिए तैयार नहीं थे। ऐसा बेहद कम होता है जब बाहर के लोगों से पारिवारिक नाता बन जाए। यही संस्कार एवं आदर भाव हर व्यक्ति के भीतर जागृत करने की जरूरत है।
पदमश्री चोपड़ा ने कहा कि लंदन में एक बार उन्होंने किसी अनजान व्यक्ति से गंतव्य का पता पूछा तो वह व्यक्ति उन्हें गंतव्य तक छोडक़र आए। यही नहीं, उक्त व्यक्ति ने मदद करके आत्म संतुष्टि की अनुभूति की।
स्वर्णप्रस्थ म्यूजियम में अब तक हो चुकी हैं 9 गैलरियां लोकार्पित
सोसायटी फॉर द डवैल्पमेंट ऑफ सोनीपत टाऊन के सदस्य सचिव राजेश खत्री ने बताया कि स्वर्णप्रस्थ म्यूजियम में अब विभिन्न विषयों से संबंधित 9 गैलरियों को लोकार्पित किया जा चुका है। इनमें ऋषि-मुनि गैलरी के अलावा शहीदों, खेती बाड़ी, महाभारत कालीन गैलरी आदि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ऋषि मुनि गैलरी में प्रतिष्ठित समाचार पत्र पंजाब केसरी के प्रथम अंक की कॉपी भी सजाई गई है। साथ ही कई तरह की दुर्लभ लेखन सामग्री भी यहां मौजूद हैं।