हरियाणा

प्रतिभाएं परिचय की मोहताज नहीं होती : सूरज कुमार

कला को प्रदर्शित करने का मंच  है सांस्कृतिक कार्यशाला: सूरज कुमार

डॉक्टर ,इंजीनियर, वकील बनना आसान परंतु कलाकार बनना बहुत मुश्किल होता है : सूरज

सोनीपत : खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग हरियाणा के तत्वाधान में जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम अधिकारी सोनीपत शर्मिला राठी के मार्गदर्शन में युवा सांस्कृतिक अधिकारी सुनीता के नेतृत्व में एसएम हिंदू स्कूल मैं आयोजित दस दिवसीय नृत्य ,गायन एवं नाटक प्रशिक्षण सांस्कृतिक कार्यशाला का संचालन किया जा रहा है । जिसमें बतौर मुख्य अतिथि हिंदी व हरियाणवीं फिल्मों व सीरियल के अभिनेता, लेखक एवं निर्देशक सूरज कुमार रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में राष्ट्रीय युवा अवॉर्डी दीपक कुमार रहे । सर्वप्रथम संपूर्ण विद्या की देवी माता सरस्वती को पुष्प अर्पित करके नमन करते हुए कार्यशाला के शुरुआत की गई । जिसमें संगीत विशेषज्ञ अनुरीता, मास्टर रायकमल, मास्टर अनुज कुमार, मास्टर सत्यवान एवं मास्टर मिलन के द्वारा सांस्कृतिक कार्यशाला के प्रतिभागियों को देशभक्ति, हरियाणवी , सामुदायिक गायन, नृत्य, नाटक एवं शास्त्रीय विधाओं का प्रशिक्षण दिया जा रहा है । मुख्य अतिथि हिंदी एवं हरियाणवी फिल्मों के अभिनेता लेखक एवं निर्देशक सूरज कुमार ने संस्कृतिक कार्यशाला के प्रतिभागियों को कहा कि प्रतिभाएं किसी परिचय की मोहताज नहीं होती ।  जिसके अंदर कला छिपी है वह प्रतिभा का धनी होता है । इसलिए प्रतिभाएं अपना परिचय नहीं दिया करती ।बक्योंकि अक्सर जमाने में वही खामोश भी रहते हैं जिनके इन मंचों से हुनर बोलते हैं। खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग हरियाणा के द्वारा इसी प्रकार से कई वर्षों से लगातार प्रशिक्षण देकर जिला स्तर पर युवाओं की कला को आगे बढ़ाने का सुनहरा अवसर प्रदान करके प्रतिभा खोजने का सही मायनों में मंच प्रदान किया जाता है । डॉक्टर , इंजीनियर , वकील बनना आसान है । परंतु कलाकार बनना बहुत मुश्किल कार्य है । एक कलाकार को अपने जीवन में रंग मंच के माध्यम से अनेकों किरदारों को निभा कर सँघर्ष करके अपने जीवन का रोल अदा करना पड़ता है । तभी वह अपनी कला को प्रदर्शित करके दुनिया में अपना लोहा मनवाता है। राष्ट्रीय युवा अवॉर्डी दीपक कुमार ने कहा की इस प्रकार के युवाओं के लिए कार्यशालाओं व  कार्यक्रमों के द्वारा युवाओं को गलत रास्ते पर भटकने से बचाता है। युवा अपनी प्रतिभा को इस प्रकार के कार्यशाला में लगा कर सही रास्ता चुन कर अपने जीवन को आगे बढ़ाने का कार्य करते हैं।  युवाओं को अपनी एनर्जी को सही रास्ते पर लगाना ही देश विकास के लिए योगदान है। सांस्कृतिक कार्यशाला की संयोजिका युवा सांस्कृतिक अधिकारी सुनीता ने कहा कि प्रतिभाओं को सांस्कृतिक कार्यशाला के द्वारा भिन्न-भिन्न कलाओं का प्रशिक्षण देकर परिपक्व बनाकर मंच प्रदान किया जाता है । ताकि इस कार्यशाला उपरांत वह जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा सके। युवक एवं युवतियों में जो भी प्रतिभा होती है उन्हें इस प्रकार के कार्यशालाओं मैं प्रतिभागीता करनी जरूरी है । तभी वह अपने कला को आगे बढ़ा सकते हैं। अंत में उन्होंने हुए अतिथियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि एक जुलाई को सांस्कृतिक कार्यशाला का समापन समारोह का आयोजन किया जाएगा। जिसमें कि सभी प्रतिभागियों को मुख्य अतिथि के द्वारा प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया जाएगा। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यशाला के प्रतिभागी मौजूद रहे।

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