राष्ट्रीय

 राष्ट्रऋषि नानाजी ने राजनीति में रहकर समाज नीति की नई परिभाषा दी : धर्मेन्द्र प्रधान

चित्रकूट,09 अक्टूबर। भगवान राम की तपोस्थली चित्रकूट में भारत रत्न नानाजी देशमुख की 106 वीं जयंती पर रविवार को चार दिवसीय ग्रामोदय मेले का शुभारंभ भारत सरकार के कौशल विकास एवं उच्च शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने नानाजी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया । उदघाटन समारोह में श्री प्रधान ने कहा कि राजनीति में रहकर समाज नीति की नई परिभाषा नानाजी ने दी है, नानाजी ने चित्रकूट में मुक्त विश्वविद्यालय की कल्पना को साकार रूप दिया है कि लोग आएं सीखें समझें और आत्मसात कर अपने जीवन में उतारें।

केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने अपने उद्बोधन में कहा कि हम सभी का सौभाग्य है कि आज चित्रकूट में राष्ट् ऋषि भारत रत्न नाना जी देशमुख की जयंती पर इस कार्यक्रम में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। चित्रकूट 21वीं शताब्दी की ओर एक नया रूप ले रहा है, गांवों के अंदर पढाई कैसे हो संस्कार कैसे हो इस पर दीनदयाल शोध संस्थान का रोल मॉडल काम कर रहा है। पोलियो की टीका लगाने में हमें 30 वर्ष लग गये परंतु आज हमने कोरोना के टीके की 225 करोड डोज दो वर्ष के अंदर लगा दी। आने वाले दो वर्ष के अंदर हर गांव आप्टिकल फाइबर से जुड जायेगा। हम गांव से शहर क्यों जाते हैं पढ़ने के लिए, चिकित्सा के लिए, आज डिजिटल इंडिया के चलते हम दुनिया के अच्छे अच्छे डाक्टर से हम गांव में ही बैठकर परामर्श कर सकते हैं। भारत को आत्म निर्भर बनाने के लिए जरूरी है गांव को आत्म निर्भर बनाना, कोरोना काल में हमने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में 150 देशो में दवाई पहुंचाई है।

भारत की आत्मा गांवों में बसती है- गजेन्द्र सिंह शेखावत

वहीं केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है। आत्म निर्भर भारत के सपने को साकार करने में दीनदयाल शोध संस्थान देश में एक रोल मॉडल प्रदान कर सकता है। आज जल की दिशा में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में जो काम हो रहा है आने वाले 50 वर्ष में बढ़ती आबादी के साथ साथ पीने का पानी और जल संरक्षण के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। आज जल संरक्षण एवं सुरक्षा के बिना हम इकोनोमिक रुप से विकास कर पाना मुश्किल है। इस संस्थान के माध्यम से जल चेतना का विकास हम पूरे देश में करें। वर्षा के जल का संरक्षण करें। वर्ष 2047 तक हम आजादी का शताब्दी वर्ष एक विकसित भारत के रुप में मनायेंगे

इसके अलावा मध्य प्रदेश की पर्यटन एवं अध्यात्म मंत्री उषा ठाकुर ने कहा भारत जैसी भूमि पूरे विश्व में कहीं नहीं है। राष्ट्र ऋषि नाना जी देशमुख गांव को स्वावलंबी बनाना इसलिए चाहते थे क्योंकि देश की आत्मा गांव में बसती है। 21वीं सदी का भारत आत्म निर्भर भारत हो, स्वावलंबी भारत हो।

उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री ठाकुर जयवीर सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि दो प्रांतो की सीमाओं में रहकर ग्रामोदय से राष्ट्रोदय का सपना साकार हो रहा है। वहीं कैबिनेट मंत्री राकेश सचान ने कहा कि आज स्व सहायता समूह के माध्यम से देश की महिलाओं को रोजगार के नये अवसर प्रदान हो रहें हैं।

इसके साथ ही सतना सांसद गणेश सिंह ने कहा कि 90 के दशक में जब नाना जी चित्रकूट आए तो उन्होंने ग्राम विकास का ऐसा मॉडल खड़ा किया जिसने लोगों के लिए स्वावलंबन का मार्ग प्रशस्त किया। जो मॉडल नाना जी ने खड़ा किया यह पूरे देश के गांव के लिए है, मैं सभी अन्य राज्यों के मंत्री गणों से भी आग्रह करूंगा यह मॉडल सभी राज्यों के ग्रामों तक अनुकरणीय बने।

वहीं बांदा-चित्रकूट सांसद आर के सिंह पटेल ने कहा कि नानाजी ने जो सपना देखा था वह अब व्यापक रूप ले चुका है। नानाजी भले ही शरीर से आज हमारे बीच न हों पर ये ग्रामोदय मेला इस बात का सदैव एहसास कराता हैं कि नानाजी आज भी हमारे पास हैं।

कार्यक्रम का संचालन दीनदयाल शोध संस्थान के महाप्रबंधक अमिताभ वशिष्ठ द्वारा किया गया। कार्यक्रम की भूमिका संगठन सचिव अभय महाजन ने रखी। अतिथियों का स्वागत डीआरआई के उपाध्यक्ष निखिल मुंडले एवं उत्तम बनर्जी ने किया।

उद्घाटन सत्र में उत्तराखंड सरकार के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा एवं स्कूली शिक्षा मंत्री डॉ धन सिह रावत, मध्यप्रदेश सरकार के खनिज मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह, संस्कृति, लोकसभा सदस्य सतना गणेश सिंह व मध्य प्रदेश लघु उद्योग निगम की अध्यक्ष इमरती देवी मौजूद रहीं।

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