सोनीपत, 22 अगस्त सिद्ध पीठ लक्ष्मीनारायण बालाजी मंदिर के तत्वावधान में श्री कृष्ण जन्माष्टमी छठी महोत्सव के उपलक्ष में चार दिवसीय भव्य रास लीला का मंचन का शुभारंभ किया गया। संस्था के प्रधान सुरेश भारद्वाज ने भगवान राधा कृष्ण के स्वरूपों की आरती उतारकर लीला का शुभारंभ किया। इस अवसर पर भाजपा वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वाइस चेयरमैन ललित बत्रा ने मुख्य अतिथि के रुप में शिरकत की। इस अवसर पर पूर्व पार्षद अशोक अरोड़ा, राकेश राणा, सुरेश खुराना ने विशिष्ट अतिथि के रूप में अपनी उपस्थिति दी।इस अवसर पर भाजपा नेता ललित बत्रा ने जन्माष्टमी पर जनता को बधाई देते हुए कहा कि यह हिन्दू धर्म का त्यौहार है। यह पर्व भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव पर मनाया जाता है। उन्होंने धरती पर मानव रूप में जन्म लिया था वे मानव जीवन को बचाने के लिए और मानव के दुखों को दूर कर सकते हैं। इस पर्व पर बहुत से हिन्दू धर्म के अनुयाई व्रत रखते है ताकि वे भगवान कृष्ण को प्रसन्न कर सके।
इसे कई अन्य नामों से भी जाना जाता है जैसे – कृष्णाष्टमी, गोकुलाष्टमी, अष्टमी रोहिणी, श्री कृष्ण जयंती, श्री कृष्णा जयंती आदि। मंचन के प्रथम दिन श्री कृष्ण के जन्म की लीला का भव्य मंचन किया गया।मंचन में मथुरा के राजा उग्रसेन को जेल में डाल कर कंस स्वयं राजा बन जाता है और अपनी बहन है। देवकी का विवाह वासुदेव से कर देता है। तभी आकाशवाणी होती है कि देवकी का आठवां पुत्र कंस का काल बनेगा। कंस देवकी और वासुदेव जी को जेल में डाल देता और उनके नवजात बच्चों को एक-एक कर मारने लगता है। यह पाप देखकरआसमान में बिजली कड़कड़ाने लग जाती है और धरती कम्पकपा जाती हैं।
तब ब्रह्मा जी प्रभु नारायण से प्रार्थना करते हैं तब भगवान नारायण वचन देते हैं कि मैं देवकी का आठवां पुत्र बनकर पृथ्वी पर जन्म लूंगा। कुछ समय बाद आधी रात को भगवान कंस के कारागार में भगवान कृष्ण जन्म लेते हैं। वसुदेव उन्हें गोकुल छोड़ कर आते हैं। उधर जब ब्रिज वासियों का पता चलता है तो सब बधाई देने नंद बाबा और यशोदा के घर आने लगते हैं। नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की पकी धुन पर उपस्थित श्रद्धालु नाचने लगते हैं। कंस अपनी बहन पूतना को मारने के लिए भेजता है परंतु पूतना भगवान कृष्ण का बाल भी बांका नहीं कर पाती और भगवान कृष्ण पूतना को मार देते हैं। इस प्रकार भगवान कृष्ण के जयघोष के साथ प्रथम दिन का मंचन समाप्त होता है।
इस अवसर पर राज करण शर्मा, संजीव बत्रा, विकास खत्री, मेहरचंद मलिक, मुकेश भोला, राजेश भारद्वाज, संदीप भारद्वाज, चरन्जीत सहगल, सुरेंद्र कुमार, आनंद लाकड़ा, भोजराज पहलवान, ओम प्रकाश पुजारी, जतिन भारद्वाज, अशोक अरोड़ा, लवली खतरेजा, रिंकू खतरेजा, जतिन पाहुजा, अजीत भारद्वाज, हरगोविंद गंभीर, प्रकाश तनेजा, बिना भारद्वाज, वेदरानी अरोड़ा, पूनम शर्मा, पुष्पा झाम्ब, दया बहन जी, परमेश्वरी देवी, बनारसी देवी, आदि उपस्थित थे। इस अवसर पर हजारो श्रद्धालुओं ने प्रशाद रुपी भंडारा ग्रहण किया।