मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री नजीब को राहत नहीं, 12 साल की सजा बरकरार
कुआलालंपुर, 23 अगस्त। भ्रष्टाचार के आरोप में 12 साल की सजा पाए मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रजाक को देश की शीर्ष अदालत से राहत नहीं मिल सकी है। मलेशिया की शीर्ष अदालत ने नजीब की सजा बरकरार रखी है।
मलेशिया की एक अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रज्जाक को सरकारी निवेश कोष से अरबों डॉलर के गबन के मामले में बीते माह दोषी करार देकर 12 साल जेल की सजा सुनाई थी। वह दोषी करार दिये जाने वाले मलेशिया के पहले नेता है। उन्होंने शीर्ष अदालत में इस फैसले को चुनौती दी थी। शीर्ष अदालत में मंगलवार को अंतिम अपील पर सुनवाई से पहले नजीब के वकील ने मुख्य न्यायाधीश मैमुन तुआन को हटाने की मांग भी की थी। वे सुनवाई के लिए गठित अदालत की पांच सदस्यीय पीठ का नेतृत्व कर रही थीं। इन प्रयासों के बावजूद शीर्ष अदालत की इस विशेष पीठ ने नजीब की सजा को बरकरार रखने का फैसला सुनाया।
यह फैसला नयी सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार में नजीब की मलय पार्टी के बड़े सहयोगी के रूप में शामिल होने के छह महीने बाद आया है। अरबों डॉलर के घोटाले को लेकर जनता के गुस्से के कारण 2018 में नजीब की पार्टी को सत्ता से बाहर होना पड़ा था। यह फैसला नजीब के खिलाफ भ्रष्टाचार के पांच मुकदमों में से एक में आया है। मलेशिया के सबसे प्रमुख राजनीतिक परिवारों में से एक के वंशज नजीब, पांच अलग-अलग मुकदमों में 42 आरोपों का सामना कर रहे हैं और दोषी पाए जाने पर उन्हें वर्षों जेल में बिताना पड़ सकता है। नजीब के पिता और चाचा देश के दूसरे और तीसरे प्रधानमंत्री रहे थे।