उपलब्धि : रेल पहिया कारखाने ने रचा इतिहास,नौ साल बाद हुआ आत्मनिर्भर
रायबरेली, 16 अक्टूबर। अपने स्थापना के नौ साल बाद रेल पहिया कारखाने ने एक नया इतिहास रच कर आत्मनिर्भर हो गया है। रविवार को कारखाने में बन कर तैयार पचास एलएचबी व्हील्स की पहली खेप को केंद्रीय इस्पात मंत्रालय के सचिव ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। अभी तक यहां बनने वाले रेल कोच में बाहर से पहिया आते थे । अब पहियों का उत्पादन स्थानीय स्तर पर ही शुरू हो गया है।
इसके पूर्व केंद्रीय सचिव संजय कुमार सिंह ने अतिरिक्त सचिव रुचिका चौधरी गोविंल, आरआईएनएल के सीएमडी अतुल भट्ट, निदेशक ऑपरेशन एके सक्सेना के साथ रेल पहिया कारखाने का निरीक्षण किया। टीम ने फोर्जिंग एरिया, हीट ट्रीटमेंट एरिया, मशीनिंग एरिया, एनडीटी एरिया, इलेक्ट्रिक हाउस, लेबोरेटरी, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, एमआर एसएस प्लांटों का निरीक्षण कर अधिकारियों से विचार-विमर्श किया।
उन्होंने कहा कि आरआईएनएल और रेल पहिया कारखाने के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया सपने को आजादी के अमृत महोत्सव के स्वर्णिम अवसर पर साकार कर दिया। यह आत्मनिर्भर भारत में इंजीनियरिंग की दुनिया में बढ़ते हुए कदम हैं। उन्होंने रेल पहिये को बनाने में गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश दिये। रेल पहिया कारखाने के मुख्य महाप्रबंधक एवं प्रोजेक्ट इंचार्ज डॉ. बीआर बप्पा राव ने अधिकारियों का स्वागत किया।