हरियाणा

आर.ए. कॉलेज के प्रोफेसर विक्रम तुषीर को मिला राष्ट्रीय स्तर का बेस्ट वक्ता का खिताब।

सोनीपत

छोटू राम आर्य कॉलेज सोनीपत की तरफ से चुनाव प्रणाली में सुधार पर राष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठी आयोजित की गई थी। जिसमें लगभग 180 रिसर्च स्कॉलर, प्रोफेसरों तथा विद्यार्थियों ने भाग लिया था जिसमें से छोटू राम आर्य कॉलेज के प्रोफेसर विक्रम तुषीर को बेस्ट वक्ता होने का खिताब प्राप्त हुआ। विक्रम तुषीर ने सुझाव दिया कि किस प्रकार हम नोटा के बटन को अधिक शक्ति देकर ‘राइट टू रिकॉल’ (वापस बुलाने के अधिकार) को लागू करके भारत को भ्रष्ट कामचोर नेताओं से मुक्त कर सकते हैं।
शहर के शिक्षण संस्थान छोटू राम आर्य कॉलेज, सोनीपत में भारत में व्यापक चुनाव प्रक्रिया में धड़ल्ले से हो रही खामियों और चुनौतियों से निपटने के लिए सिद्धांतकार व विद्वानों की एक बड़ी राष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठी आयोजित की गई जिसमें देश भर के विश्वविद्यालयों के विद्वानों, प्रोफेसरों व सिद्धांतवादियों ने भारत की भ्रष्ट होती जा रही चुनाव प्रक्रिया में सुधार के उपाय सुझाए जिनका मीडिया समाचार पत्रों, पत्र-पत्रिकाओं में छपना अति आवश्यक है ताकि सारा समाज, राज्य, देश जागरूक हो सके और भारत के शुद्ध, निष्पक्ष चुनाव की प्रक्रिया करने में अपना योगदान दे सकें, क्योंकि चुनाव से ही लोकतंत्र धरातल पर संभव है। डायरेक्टर हायर एजुकेशन आफ हरियाणा से स्वीकृति मिलने पर इस भारत जागरूकता अभियान की स्वीकृति टीकाराम एजुकेशन सोसाइटी के प्रधान सुरेंद्र सिंह दहिया के तत्वाधान में सफल बनाया गया।
सी.आर.ए. महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. नरेंद्र सिंह व इस संपूर्ण प्रोग्राम की निरीक्षक पदाधिकारी डॉ. ऊषा दहिया ने ऑनलाइन ही आकर मुख्य अतिथि प्रो. रणबीर सिंह गुलिया (रिटायर्ड प्रोफेसर, राजनीतिक शास्त्र विभाग, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक), मुख्य वक्ता डॉ. कुशल पाल (एच.ओ.डी. राजनीति शास्त्र विभाग, दयाल सिंह कॉलेज, करनाल) व चेयरपर्सन की भूमिका में डॉ. राजेश हुड्डा (एच.ओ.डी. कानून विभाग, भगत फूल सिंह विश्वविद्यालय, खानपुर कलां, सोनीपत) का स्वागत किया।
प्रो. रणबीर सिंह गुलिया ने कहा की आचार संहिता का सख्ती से पालन किया जाए ताकि लोगों की चुनाव में मान्यता बनी रहे।
मुख्य वक्ता डॉ. कुशल पाल ने सुझाया कि लोकतंत्र व चुनाव दोनों अलग-अलग हैं जो कि लोग दोनों को कई बार एक ही मान बैठते हैं जिसके कारण जागरूकता के अभाव में चुनाव प्रक्रिया में सुधार सिरे नहीं चढ़ पाते हैं। उन्होंने चुनाव प्रणाली के सुधार के लिए जनता जागरूकता के महत्व को समझाया।
इस मौके पर इस राष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठी को सफल बनाने में तकनीकी सहायक समूह में प्रो.अजमेर सिंह, प्रो. श्वेता, डॉ. तमन्ना, प्रो. रितु, विशाल व प्रोग्राम कमेटी में प्रो. विक्रम तुषीर, प्रो. कीर्ति, प्रो. कविता, डॉ. पूनम व डॉ. नवीन कुमार उपस्थित रहे।

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