बिरला ने तंजानिया के प्रधानमंत्री कासिम मजलिवा से मुलाकात की
दार-एस-सलाम (तंजानिया), 19 जनवरी। तंजानिया में भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल (आईपीडी) का नेतृत्व कर रहे लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रधानमंत्री कासिम मजलिवा से मुलाकात की।
मुलाकात के दौरान बिरला ने इस बात का उल्लेख किया कि जलवायु परिवर्तन जैसे वैश्विक मुद्दों के समाधान के लिए संयुक्त कार्रवाई की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में भारत और तंजानिया महत्वपूर्ण समुद्री देश हैं। दोनों समुद्री राष्ट्रों के बीच ऐतिहासिक संबंध आपसी राजनीतिक समझ, शासन की लोकतांत्रिक व्यवस्था में दोनों देशों के गहरे विश्वास और बहुआयामी आर्थिक-वाणिज्यिक संबंधों के आधार पर विकसित हुए हैं।
बिरला ने इस बात का उल्लेख किया कि तंजानिया में भारतीय मूल के लोग दोनों देशों के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी की भूमिका निभाते हैं। उन्हें इस बात की खुशी है कि भारतीय समुदाय के लोग सदियों से तंजानिया के लोगों के साथ मिलकर देश के आर्थिक विकास में योगदान दे रहे हैं।
जी20 में भारत के नेतृत्व के बारे में बिरला ने बताया कि इस क्रम में भारत की संसद इस वर्ष जी20 देशों की संसदों के अध्यक्षों के पी20 सम्मेलन का आयोजन भी करेगी। दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के नाते भारत इस मंच के माध्यम से वैश्विक मुद्दों के प्रभावी समाधान का प्रयास करेगा। इसके अलावा, कोविड के बाद की विश्व व्यवस्था में संबंधों को मजबूत करने, पर्यटन के विकास, स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे, संसदीय सहयोग और कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई ।
बिरला ने तंजानिया के छात्रों के साथ बातचीत की
छात्रों के साथ बातचीत में बिरला ने कहा कि तंजानिया की विकास यात्रा में भारत हमेशा से एक विश्वसनीय भागीदार रहा है और रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय शिक्षा प्रणाली में समावेशी दृष्टिकोण और सुनिश्चित अकादमिक और कैरियर विकास की संभावना है जिससे प्रभावित होकर दुनिया भर के छात्र भारत में अध्ययन करने के लिए आते हैं ।
लोक सभा अध्यक्ष ने तंजानिया में भारतीय व्यापार समुदाय के सदस्यों से मुलाकात की
बिरला ने भारतीय व्यापार समुदाय के सदस्यों से भी मुलाकात की और उन्हें भारत सरकार द्वारा कारोबार के लिए प्रदान किए जा रहे अनुकूल माहौल के बारे में जानकारी दी । उन्होंने बताया कि तंजानिया में कारोबारी समुदाय को भारत सरकार से समर्थन और सहयोग मिल रहा है। व्यापार समुदाय के अधिकांश सदस्य शिक्षा के लिए भारत आते हैं और फिर व्यापार और निवेश के लिए तंजानिया वापस आ जाते हैं।