जमीन पर बैठकर भोजन करना सेहत के लिए लाभकारी: आचार्य मनीष
* किडनी फेल, लिवर फेल, और कैंसर के मरीजों के पसंदीदा अस्पताल हिम्स में लंगर की शुरुआत
सिद्धार्थ राव, गुरुग्राम। किडनी फेल, लिवर फेल, और कैंसर के मरीजों के लिए वरदान बन चुके हॉस्पिटल एंड इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटेड मेडिकल साइंसेस (हिम्स), डेरा बस्सी में भर्ती रोगियों के परिजनों की सुविधा के लिए अस्पताल प्रबंधन की ओर से भारतीय पद्धति से भोजन कराने के लिए लंगर की शुरुआत की गई है, जहां दोपहर एवं रात के नि:शुल्क भोजन की व्यवस्था है। न सिर्फ इस रीजन में, बल्कि संपूर्ण विश्व में हिम्स पहला अस्पताल है, जहां मुफ्त खाना दिया जा रहा है। गुरुग्राम में भी हिम्स नेचर केयर सेंटर स्थापित है ।
शुद्धि आयुर्वेद और हिम्स के संस्थापक, जाने-माने आयुर्वेद एवं मेडिटेशन गुरु, आचार्य मनीष ने कहा, ‘हमारा ध्येय पाल्थी मारकर, जमीन पर बैठकर भोजन करने की प्राचीन परंपरा को पुनर्जीवित करने का है। भोजन की गुणवत्ता ही नहीं, आसन विधि का भी स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव होता है। हिम्स दुनिया का पहला अस्पताल है जहां तन-मन के लिए लाभकारी भोजन बनाया और नि:शुल्क परोसा जाता है। किडनी, लिवर एवं कैंसर व अन्य रोगों के मरीजों की देखरेख के लिए उनके साथ आने वाले लोगों की सहूलियत के लिए अस्पताल परिसर में ही लंगर का स्थाई प्रबंध किया गया है, जो सप्ताह के सातों दिन चालू रहेगा।’
हिम्स भारत का पहला एकीकृत चिकित्सा विज्ञान अस्पताल है जो आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा और आहार चिकित्सा आदि पर आधारित दवा मुक्त उपचार पर केंद्रित एक अनूठी स्वास्थ्य सुविधा है। हिम्स में किडनी, कैंसर, लिवर, शुगर, बीपी और दिल के रोगों को शरीर की अंदरूनी शक्ति को बढ़ाकर रिवर्स करने पर जोर दिया जाता है। उत्तर भारत के विभिन्न शहरों में हिम्स नेचर केयर सेंटर स्थापित किए हैं, जिनमें डेराबस्सी, जीरकपुर, चंडीगढ़, पटियाला, दिल्ली, अमृतसर,गुरुग्राम , जयपुर ,जोधपुर आदि शामिल हैं।