पूर्वोत्तर राज्यों की पूरी क्षमता में उपयोग सुनिश्चित करने के लिए गठित होगा पर्यटन कार्य बल
नई दिल्ली, 08 अक्टूबर। केन्द्रीय उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास, पर्यटन और संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी ने शनिवार को कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों की पूरी क्षमता का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए एक पर्यटन कार्य बल का गठन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में पर्यटन के विकास के लिए पर्यटन बुनियादी ढांचे का विकास, कौशल और क्षमता निर्माण मुख्य प्राथमिकताएं हैं। पूर्वोत्तर क्षेत्र के युवाओं के लिए रोजगार जुटाने के लिए सुरक्षा सेवा उद्योग द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली संभावनाओं का भी पता लगाना चाहिए।
गुवाहाटी में आयोजित पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) की 70वीं बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने इस क्षेत्र की प्रगति और विकास के लिए कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रकाश डाला। इस क्षेत्र की पर्यटन संभावनाओं के बारे में विचार करते हुए मंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में निवेश के अनुकूल माहौल विकसित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने सुझाव भी दिया कि कुछ शीर्ष-प्राथमिकता एवं लक्षित क्षेत्रों की पहचान करने और क्षेत्र की निवेश क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ इन क्षेत्रों में बाधाओं को दूर करने के बारे में भी मिलकर काम करने की आवश्यकता है।
जी. किशन रेड्डी ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए एक ‘ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट’ जल्दी ही आयोजित किया जाना चाहिए और सभी राज्य सरकारों को एक निवेशक अनुकूल इकोसिस्टम विकसित करने के उपाय शुरू करने चाहिए। निवेशकों की जरूरतों के अनुरूप नीतियों में बदलाव करने, भूमि बैंकों का डिजिटलीकरण करने, प्लॉट स्तर की जानकारी रखने, प्रक्रियाओं को सरल बनाने, एकल खिड़की मंजूरी प्रणाली प्रदान करने, आसानी से निवेश योग्य परियोजनाओं की सूची विकसित करने, प्रत्येक राज्य में एक निवेशक सुविधा केंद्र स्थापित करने, अप्रोच रोड, विद्युत कनेक्टिविटी, जलापूर्ति आदि जैसे बुनियादी ढांचे पर निवेश किया जाना चाहिए। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से आने वाले महीनों में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए एक कार्य योजना तैयार करने का अनुरोध किया।