बिहार

संवेदनशील बनें, महिलाओं के साथ आदर से करें गरिमापूर्ण व्यवहार : योगिता भयाना

बेगूसराय 27 अगस्त। महिलाओं के विरुद्ध हिंसा, रोकथाम, निवारण और पुनर्वास विषय पर शनिवार को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन जीडी कॉलेज बेगूसराय में किया गया।परी फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित कार्यशाला का उदघाटन फाउंडेशन की संस्थापिका योगिता भयाना, जीडी कॉलेज के प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ. नौशाद आलम, महिला कॉलेज की पूर्व प्राचार्य डॉ. स्वप्ना चौधरी, एक भारत श्रेष्ठ भारत के समन्वयक प्रो. कमलेश कुमार एवं बिहार राज्य समन्वयक नेहा सिंह राठौर ने दीप प्रज्वलित कर किया।

कार्यशाला को संबोधित करती हुई योगिता भयाना ने कहा कि परी एक आंदोलन है, जो यौन हिंसा के विरुद्ध और उसकी रोकथाम के लिए अग्रसर है। यौन हिंसा और बलात्कार पीड़ित बालिकाओं को सहायता देने में अग्रिम हैं और परी के हस्तक्षेप से कई परिवारों को न्याय मिली है, वित्तीय मुआवजा मिला है। उन्होंने कहा कि यौन हिंसा महिलाओं को शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक रूप से प्रभावित करता है। इसलिए आवश्यक है कि लोग संवेदनशील बनें और महिलाओं के संग आदर एवं गरिमापूर्ण व्यवहार करें। सोशल एक्शन फोरम फॉर मानव अधिकार साफमा एक गैर सरकारी संस्था है, जिसे संयुक्त राष्ट्र की इकोसॉक का विशेष मशविरा दर्जा प्रदान किया गया है।

विषय प्रवेश कराते हुए प्रो. कमलेश कुमार ने कहा कि आदमी के भीतर देवता और दानव दोनों का निवास है। जरूरत है कि शिक्षा के माध्यम से मनुष्य अपने भीतर के प्रेत को मिटाए और देवता को चिन्मय बनाएं। यौन शुचिता महिलाओं के लिए आवश्यक है, लेकिन वह उनके चरित्र का संपूर्ण पर्याय नहीं है। सत्य चारित्रिक सुचिता तन का विषय कम और मन का विषय ज्यादा है। पंच कन्याओं के उद्धरण को उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा कि अहिल्या, द्रोपदी, तारा, कुंती और मंदोदरी की गाथा किसी ना किसी कहानी से जुड़ी हुई, फिर भी यह भारत की पंच कन्याओं में गिनी जाती है।

प्रो. स्वप्ना चौधरी ने कहा कि कमजोर, सहजमेध तथा समाज के सीमांत वर्ग समझें कि कैसे विधि, मानव अधिकार तथा लिंग उनके जीवन को प्रभावित करते हैं। जिससे वे अपने अधिकारों के प्रति जागृत हों तथा अन्याय और शोषण का सशक्त होकर विरोध करें। नेहा सिंह राठौर ने कहा कि परी महिलाओं के विरुद्ध हिंसा, विशेष रूप से लिंग आधारित यौन हिंसा और बलात्कार को रोकना है। कार्यशाला को सिविल कोर्ट की अधिवक्ता कुमारी मनीषा, परी फाउंडेशन के ब्रह्म प्रकाश ठाकुर, शोधार्थी अंकित अमन, अनिकेत कुमार, बिंदु चौधरी, निशि मिश्रा सहित अन्य ने संबोधित किया।

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