जींद : फर्जी दस्तावेजों पर लाखों का ऋण लेकर हडपने के आरोपित रिमांड पर
जींद, 16 दिसंबर । आर्थिक अपराध शाखा ने फर्जी कागजातों का सहारा ले बैंक से लाखों रुपये का ऋण ले उसे हडपने के दो आरोपितों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया। जहां से अदालत ने आरोपितों को एक दिन के रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया।
यूनियन बैंक आफ इंडिया के मैनेजर दीनदयाल ने चार फरवरी को पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि गांव मुआना निवासी कर्णसिंह तथा उसके बेटे सुरेंद्र सिंह ने बैंक से दस लाख हजार रुपये का कृषि योग्य जमीन पर ऋण लिया था। ऋण लेने के लिए दोनों ने गांव मुआना में खुद के नाम कृषि योग्य जमीन दिखाई थी। जिस पर जमाबंदी वर्ष 2015-16 के अनुसार मालकीयत दिखाई गई थी। आरोपितों ने वर्ष 2005 से लेकर 2016 तक जमाबंदी व गिरदावरी की स्थापित कॉपियां पेश की थी।
आरोपितों ने जमीन से संबंधित सर्च रिपोर्ट व एनओसी वर्ष 2016 की पेश की थी। जो वकील द्वारा तैयार की गई थी। लिए गए ऋण की जब किश्त जमा नहीं हुई तो बैंक ने एनपीए कर दिया। जांच पडताल के दौरान सामने आया कि आरोपितों द्वारा मुटेशन लैटर पर फर्जी लिखित की गई व पटवारी के फर्जी हस्ताक्षर किए गए तथा बैंक से कृषि लोन के लिए बैंक के साथ धोखाधडी की गई है।
आरोपितों द्वारा फर्जी जमाबंदियां तैयार की गई और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर साजिश के तहत धोखाधडी को अंजाम दिया गया। दीनदयाल ने आरोप लगाया कि इस फर्जीवाडे में कई अन्य लोग भी शामिल है। शहर थाना सफीदों पुलिस ने बैंक मैनेजर दीनदयाल की शिकायत पर कर्ण सिंह तथा सुरेंद्र के खिलाफ धोखाधडी, फर्जी कागजातों का सहारा लेने समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। उधर, बैंक प्रबंधन दीनदयाल की शिकायत पर पुलिस ने गांव मुआना निवासी धूप सिंह, उसकी मां रेशमा देवी, बेटे प्रवीन तथा चंद्रशेखर के खिलाफ भी धोखाधडी का मामला दर्ज किया था। जिन्होंने सात लाख 37 हजार रुपये ओबीसी बैंक तथा बाद में एचडीएफसी बैंक नरवाना में 19 लाख दस हजार का ऋण धोखाधडी कर लिया हुआ था। आर्थिक अपराध शाखा ने आरोपित सुरेंद्र तथा चंद्रशेखर को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया। जहां से अदालत ने आरोपितों को एक दिन के रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया।
आर्थिक अपराध शाखा के उपनिरीक्षक कर्णसिंह ने बताया कि दोनों आरोपितों पर फर्जी दस्तावेजों के सहारे लाखों रुपये ऋण लेकर हडपने का आरोप है। दोनों को गिरफ्तार कर अदालत से एक दिन के रिमांड पर लिया गया है। रिमांड के दौरान धोखाधडी में अन्य लोगों की संलप्तिा के बारे में पूछताछ की जाएगी।