सोनीपत: सरकार और आढ़तियों में तनातनी बढ़ी, सरकार के खिलाफ रोष बढ़ा
-सोनीपत से लगभग 60 हजार बैग धान लेकर किसान नरेला मंडी में बेचने के लिए गए
सोनीपत, 19 सितंबर। आढ़त, मार्केट फीस व ई-ट्रेडिंग मुद्दों पर सरकार और आढ़तियों के बीच तनातनी लगातार बढ़ती जा रही है। मांगे मानने का सरकार को दिए गया अल्टीमेंटम पूरा हो गया है। सोमवार से सोनीपत अनाज मंडी में आढ़तियों ने सरकार के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। जिसका सीधा असर खरीफ खरीद सीजन पर पड़ेगा और किसानों को कई प्रकार की परेशानियां झेलनी पड़ेगी। यही नही अगर आढ़तियों की हड़ताल अधिक लम्बी चलती है तो सरकार को भी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा।
आढ़ती एसोसिएशन सोनीपत के प्रधान पवन गोयल ने कहा कि हड़ताल के पहला दिन है, आढ़ती सरकार की नीतियों के विरोध में रोष प्रकट कर रहे हैं। खरीफ सीजन की फसलें पककर तैयार हैं। जिले के कई क्षेत्रों में फसलों की कटाई का काम भी शुरू हो चुका है। मंडियां में पिछले एक सप्ताह से धान की आवक भी शुरू हो चुकी है। खरीफ खरीद सीजन को लेकर किए गए कुछ बदलाव आढ़तियों को रास नहीं आए है। आढ़त को लेकर भी सरकार और आढ़तियों के बीच में विवाद पैदा हो गया है।
सोनीपत अनाज मंडी के आढ़ती संजय वर्मा व महेन्द्र ने बताया कि सोनीपत जिले में धान की खरीद मुख्य तौर पर खरखौदा, गोहाना, गन्नौर व सोनीपत मंडिय़ों में होती है। अब तक अकेले सोनीपत अनाज मंडी में ही 9 हजार 238 क्विंटल धान की खरीद हो चुकी है। परन्तु सोमवार को आढ़तियों की हड़ताल की वजह से सोनीपत, गोहाना, गन्नौर और खरखौदा मंडी में पहुंचने वाला करीब 60 हजार बैग धान को किसान नरेला मंडी में बेचने के लिए ले गए। सोनीपत अनाज मंडी में सोमवार को सिर्फ एक किसान का ही गेट पास कटा। वहीं मंडी में पहुंचे धान की ही कुछ ढेरियां नजर आई आढ़तियों की हड़ताल अगर लम्बी चली तो सोनीपत अनाज मंडी की आवक पर इसका काफी प्रतिकूल असर पड़ेगा। गत खरीफ खरीद सीजन में सोनीपत अनाज मंडी में 8 लाख 92 हजार 588 क्विंटल धान की खरीद हुई थी।