कैथल: अध्यापकों की कमी से खफा जगदीशपुरा के लोगों ने हिसार चंडीगढ़ मार्ग पर लगाया जाम
गांव सैर के लोगों ने भी स्कूल में पहुंचकर जताया विरोध
कैथल, 24 अगस्त। स्कूल में अध्यापकों की कमी से खफा गांव जगदीशपुरा के लोगों ने बुधवार को हिसार-चंडीगढ़ मार्ग पर जाम लगा दिया। जाम से पूर्व ग्रामीणों और छात्रों ने मिलकर गांव के स्कूल को ताला भी लगा दिया। ग्रामीण व छात्र सड़क के बीचों बीच बैठकर स्कूल में अध्यापक लगाने के लिए सरकार व शिक्षा विभाग के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। गांव सैर के लोगों ने भी बुधवार को स्कूल के बाहर जमा होकर अध्यापकों की कमी को लेकर रोष जताया। जाम की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस पहुंची।
सदर एसएचओ रोहताश जांगड़ा ने एक घंटे के बाद ग्रामीणों को शांत करवाकर जाम खुलवाया। इस मौके पर खंड शिक्षा अधिकारी बलबीर सिंह भी पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों को समझा बुझाकर शांत किया और बच्चों को अच्छी शिक्षा देने का आश्वासन दिया।जाम खुलने के बाद सभी ग्रामीण दोबारा स्कूल परिसर में इक्कठे हो गए। ग्रामीण दीपक, सुनील, सुभाष, पंकज, शमशेर व सुखचैन ने बताया कि स्कूल में स्टाफ पूरा नहीं है। इस कारण से बच्चों की पढ़ाई सुचारु रूप से नहीं हो रही। उन्होंने कहा कि उनके गांव में आठवीं तक का स्कूल है। कक्षा आठवीं के बच्चों के पास केवल तीन ही अध्यापक है। एक संस्कृत का, गणित व हिंदी का। इसके अलावा अंग्रेजी व अन्य विषयों के अध्यापकों की कमी है। जिन विषयों के अध्यापक स्कूल में है उन विषयों में भी बच्चे कमजोर है। बच्चों का कहना है कि उनकी स्कूल में पढ़ाई पूर्ण रूप से नहीं हो पाती। जिस वजह से उनके नंबर कम आते हैं।
चंडीगढ़ हिसार मार्ग पर जाम लगाने से पूर्व जगदीशपुरा के ग्रामीणों व छात्रों ने गांव के मिडिल स्कूल के गेट पर ताला लगा दिया। एक महिला ने ताला लगाकर चाबी अपने पास रख ली। ग्रामीणों ने आरोप लगाया की शिक्षा विभाग में तबादलों को लेकर शुरू हुई प्रक्रिया में स्कूलों में शिक्षकों के पद समाप्त किया गया है ग्रामीणों ने कहा की हम गरीब लोग हैं। अपने बच्चों को कहीं भी पढ़ने के लिए बाहर भेजने में सक्षम नहीं है। इसलिए हम सरकार से मांग करते हैं कि हमारे विद्यालय में सभी विषयों के अध्यापक दिए जाएं अन्यथा हम रोड जाम करेंगे और स्कूल को बंद कर देंगे। इस बार वे स्कूल के हेडमास्टर राजेश कुमार के आश्वासन पर स्कूल का गेट खोल रहे हैं। अगर जल्द ही स्कूल में जरूरत के हिसाब से अध्यापक नहीं भेजे गए तो वह दोबारा इस तरह का कदम उठाने को मजबूर होंगे। ग्रामीणों का कहना था कि जो लोग सक्षम है। वह अपने बच्चों को कैथल या आसपास के प्राइवेट स्कूलों में भेज देते हैं। गांव के स्कूल में जरूरतमंद लोगों के बच्चे पढ़ते हैं। उनके पास बच्चों की शिक्षा के लिए दूसरी और कोई व्यवस्था नहीं है।
जिला शिक्षा अधिकारी शमशेर सिंह सिरोही ने बताया कि उन्हें जाम की सूचना मिली थी। उन्होंने तुरंत खंड शिक्षा अधिकारी बलबीर सिंह को जगदीशपुरा भेज दिया है। गांव में पहुंचे खंड शिक्षा अधिकारी बलबीर सिंह ने बताया कि ग्रामीण स्कूल में अध्यापकों की संख्या बढ़ाने की मांग कर रहे है। सरकार की ट्रांसफर पॉलिसी चली हुई है। सभी स्कूलों में अध्यापकों का तबादला हो रहा है। जहां जहां अध्यापकों की कमी है वहां पर अध्यापकों की नियुक्ति की जा रही है। छात्रों की संख्या के अनुसार अगर जगदीशपुरा में अध्यापकों की कमी है तो वहां जल्द ही अध्यापक नियुक्त किए जाएंगे। गांव वाले इस बात से आश्वस्त हैं।