गाजियाबाद से विशेष लगाव रखते थे धरती पुत्र मुलायम सिंह यादव
गाजियाबाद 10 अक्टूबर। पूर्व केंद्रीय रक्षा मंत्री उत्तर प्रदेश के कई बार मुख्यमंत्री रह चुके मुलायम सिंह यादव ने सोमवार को दुनिया से अलविदा कह दिया। धरतीपुत्र कहे जाने जाने वाले मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश से लेकर केंद्र की राजनीति के केंद्र बिंदु रहे। मुलायम सिंह यादव की यादें दिल्ली से सटे गाजियाबाद से भी जुड़ी हुई हैं।
उन्होंने हमेशा गाजियाबाद को विशेष महत्व दिया। खास तौर पर पार्टी संगठन से जुड़े लोगों को विशेष तरजीह दी।वह बड़े नेताओं से लेकर छोटे कार्यकर्ता तक वह सीधे संपर्क में रहते थे और उनसे फोन पर या अन्य किसी माध्यम से बात भी कर लेते थे।
-मुलायम सिंह का आम कार्यकर्ता से इस तरह था जुड़ाव मुलायम सिंह यादव छोटे से कार्यकर्ता से भी बहुत लगाव रखते थे। इसका उदाहरण 2007 में गाजियाबाद में उस दौरान देखने को मिला जब मुख्यमंत्री रहते हुए मुलायम सिंह मोदी नगर पहुंचे तो अचानक उन्हें अपने पुराने दोस्त व कार्यकर्ता रामफल गुर्जर के सीकरी गांव स्थित आवास पर काफिले के साथ पहुंच गए थे । दरअसल उन्हें जानकारी मिली थी रामफल गुर्जर बीमार हैं। उनका कुशलक्षेम लेने के बाद और काफी देर तक उनके साथ गुजारने के बाद वहां से रवाना हुए।
उनका एक वाक्य गाजियाबाद से सटे मिर्जापुर गांव का भी है एक पार्टी कार्यकर्ता अनवर अहमद के घर पर वह रोजा इफ्तारी करने के लिए पहुंचे। बताया जाता कि उस दौरान कुछ लोगों ने अनवर के घर जाने के लिए विरोध भी किया था लेकिन उन्होंने विरोध को दरकिनार करते हुए एक साधारण कार्यकर्ता के यहां जाकर उसका सम्मान बढ़ाना ज्यादा बेहतर समझा। शायद यही कारण था कि मुलायम सिंह छोटे से गांव से उठ कर देश की राजनीति तक पहुंचे और बड़ा मुकाम हासिल किया।
-गाजियाबाद में रुका था उनका क्रांति रथ
मुलायम सिंह यादव ने वर्ष 1986 -87 में क्रांति रथ यात्रा की थी। उस समय उनका रथ गाजियाबाद के लोहिया नगर में पार्टी कार्यकर्ता सुरेंद्र त्यागी के आवाज ठिकाना पर ठहराव किया था। सुरेंद्र त्यागी बताते हैं कि मुलायम सिंह ऐसे नेता थे जो कहते थे वह करते थे। वह बड़े से बड़े और छोटे छोटे नेता को बराबर तरजीह देते थे। कई बार तो वे छोटे कार्यकर्ता को सीधे भी फोन कर लिया करते थे। कारण है यही कारण है कि लोग मुलायम सिंह यादव के दीवाने थे। उन्हें के कार्यकाल में गाजियाबाद 1996 में नगर निगम बनाया गया था।
-धरती पुत्र मुलायम सिंह यादव जी जैसे नेता बिरले ही पैदा होते हैं:कश्यप
लंबे समय तक समाजवादी पार्टी के गाजियाबाद महासचिव रहे जेपी कश्यप मुलायम सिंह काफी नजदीक रहे हैं। मुलायम के निधन से आहत श्री कश्यप कहते हैं कि धरती पुत्र मुलायम सिंह यादव जैसे नेता बिरले ही पैदा होते हैं,नेता जी के निधन से मन बहुत दुखी है. उनका इस दुनिया से जाना एक युग की समाप्ति है। उनके निधन से समाज एवं देश को अपूरणीय क्षति हुई है। उनके कई संस्मरण मुझे याद है 2007 में जब मेरठ में अधिवेशन था तो वहां पर नेताजी को पता चला कि एक पुराना कार्यकर्ता रामफल गुर्जर बहुत बीमार है. उनका हालचाल जानने के लिए मुख्यमंत्री रहते हुए नेता जी उनके निवास मोदीनगर पर पहुंच गए थे। काफी लंबे समय मैं महासचिव रहा एक-दो महीने में उनका फोन मुझे भी आ जाया करता था । छोटे से छोटे कार्यकर्ताओं को भी है नाम से जानते थे और सभी से उनका लगाव रहता था। जब माननीय नेता जी रक्षा मंत्री थे तो उस समय अपने सैनिकों के साथ बॉर्डर पर चले पहुंच गए थे पाकिस्तानियों ने शरारत करके एकदम से फायरिंग शुरू कर दी। अधिकारी नेता जी को नीचे बंकर में ले जाने लगे नेता जी ने उनसे पूछा आप उनकी फायरिंग का जवाब क्यों नहीं दे रहे तो सैनिक अधिकारियों ने बताया कि हमें अभी ऊपर से आदेश नहीं है नेता जी ने उसी समय खड़े-खड़े कहा कि इसी टाइम आदेश आपको दिए जाते हैं। जब तक उनकी फायरिंग बंद नहीं हो जाए उनको मुंहतोड़ जवाब दो, आप तब तक गोलियां चलाते रहो फायरिंग करते रहो । जब तक उनकी अक्ल ठिकाने ना आ जाए और नेता जी ने वहां से हटने से मना कर दिया। नेता जी ने कहा था कि मैं तब तक यहां से नहीं हटूंगा जब तक सामने से फायरिंग बंद नहीं हो जाएगी और उन्होंने नीचे बंकर में जाने से मना कर दिया था और तभी वहां से हटे जब पाकिस्तान की तरफ से फायरिंग बंद हो गई । नेताजी के रक्षा मंत्री बनने से पहले सिर्फ अधिकारियों को शहीद होने पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता था। जब नेता जी को इस बात का पता चला तो उन्होंने कहा सीमा पर जो भी सैनिक शहीद होगा उसको पूरे राजकीय सम्मान से उनकी अंत्येष्टि की जाएगी और उसके बाद से यदि कोई वीर सैनिक भी सीमा पर शहीद होता है तो उसको भी पूरे राजकीय सम्मान से अंत्येष्टि की जाती है।