किसी भी शब्द पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया : ओम बिरला
– केवल संसदीय कार्यवाही से हटाए गए शब्दों का संकलन किया गया जारी
नई दिल्ली, 14 जुलाई। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ‘असंसदीय शब्दों’ को लेकर छिड़ी बहस पर विराम लगाते हुए गुरुवार को कहा कि किसी भी शब्द पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। हमने केवल संसद की कार्यवाही से हटाए गए शब्दों का संकलन जारी किया है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में स्पष्ट किया कि लोकसभा सचिवालय द्वारा किसी भी शब्द को प्रतिबंधित नहीं किया गया है। पहले असंसदीय शब्दों की एक किताब का विमोचन किया जाता था। कागज की बर्बादी से बचने के लिए हमने इसे इंटरनेट पर डाल दिया है। किसी भी शब्द पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है, हमने केवल हटाए गए शब्दों का संकलन जारी किया है।
लोकसभा कार्यालय द्वारा असंसदीय शब्दों के इस्तेमाल पर रोक पर विपक्ष की आपत्ति को आधारहीन करार देते हुए उन्होंने कहा, “ क्या उन्होंने 1100 पन्नों की इस डिक्शनरी (असंसदीय शब्दों को मिलाकर) को पढ़ा है । यह 1954, 1986, 1992, 1999, 2004, 2009, 2010 में जारी किया गया है। वर्ष 2010 से सालाना आधार पर इसे जारी किया जा रहा है।”
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि शब्दों का असंसदीय होना उनके संदर्भ पर निर्भर करता है। गलत संदर्भ में प्रयोग किए गए शब्दों को आपत्ति केे बाद संसद की कार्यवाही से हटाया जाता है। शब्दों को हटाने के बाद भी सदस्य इनके बारे में पूछ सकते हैं कि इन्हें क्यों हटाया गया है। उन्होंने आगे कहा कि संसदीय कार्यवाही से हटाए गए शब्दों के संकलन में विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों के सदस्यों की ओर से प्रयोग किए शब्द शामिल हैं। ऐसा नहीं है कि केवल विपक्ष द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्दों को ही हटाया गया है।
उन्होंने कहा कि संसद में हर सदस्य को अपनी बात रखने का अधिकार है। यह अधिकार उनसे कोई नहीं छीन सकता है लेकिन यह संसद की मर्यादा के अनुसार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि संसदीय प्रथाओं से अनजान लोग हर तरह की टिप्पणियां करते हैं।
अध्यक्ष बिरला ने इस बात को भी स्पष्ट किया कि विधायिका सरकार से पूरी तरह स्वतंत्र होती है। ऐसे में संसदीय व्यवस्था के लिए सरकार पर आरोप लगाना पूरी तरह से गलत है।
उल्लेखनीय है कि संसद का मॉनसून सत्र 18 जुलाई से शुरू हो रहा है और इसके 12 अगस्त तक चलने की संभावना है। इससे पहले लोकसभा सचिवालय ने हिंदी और अंग्रेजी के ऐसे शब्दों-वाक्यों की सूची जारी की है, जिनका सदन में इस्तेमाल असंसदीय माना गया।