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गहलोत ने आजाद को बताया संजय गांधी का चापलूस, बोले- कांग्रेस ने 42 साल तक सब कुछ दिया

जयपुर, 26 अगस्त। वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के इस्तीफा पत्र में राहुल गांधी पर चापलूसों से घिरे रहने का आरोप लगाये जाने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पलटवार किया है। उन्होंने आजाद को संजय गांधी का चापलूस बताया है। गहलोत ने कहा कि आजाद जैसे नेता को कांग्रेस ने 42 साल में सब कुछ दिया है। आज देश में उनकी पहचान कांग्रेस के कारण से है।

गहलोत ने शुक्रवार को जयपुर में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि संजय गांधी के वक्त में गुलाम नबी आजाद उनके नजदीकी चापलूस माने जाते थे। उस वक्त कई नेता कहते थे कि संजय गांधी चापलूसों से घिरे हुए हैं। उस वक्त संजय गांधी अगर दबाव में आकर हटा देते तो आज गुलाम नबी आजाद का नाम देश के लोग नहीं जानते। गहलोत ने कहा कि सबको पद मिले, यह संभव नहीं है। इसका मतलब ये नहीं कि हमें जो पहले मिला, उसे भूल जाएं। हमारी पहचान कांग्रेस से है, इसलिए यह बात हमें हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए।

गहलोत ने कहा आजाद से इस तरह के फैसले की उम्मीद नहीं थी। पहले सोनिया गांधी बीमार थीं तो आजाद ने पत्र लिखा। उस पर कई नेताओं ने गुस्सा जताया था। अब वो इलाज के लिए अमेरिका गई हैं। तब आप पत्र लिखकर क्या मैसेज देना चाहते हैं? हमारी नेता हमारे दबाव की वजह से राजनीति में आईं। वे तो राजनीति में आना ही नहीं चाहती थीं। उनकी बीमारी के समय इस तरह लिखना मानवीय संवेदना के खिलाफ है।

गहलोत ने कहा कि संजय गांधी भी कई लोगों की बात नहीं मानते थे। दूसरे कई नेता और गुलाम नबी आजाद उन्हीं के प्रोडक्ट हैं। संजय गांधी यूथ कांग्रेस में थे। तब उन पर एक्स्ट्रा कांस्टीट्यूशनल अथॉरिटी बनने के आरोप लगे थे। उस वक्त के प्रोडक्ट ही आगे जाकर मुख्यमंत्री, मंत्री, केंद्रीय मंत्री और पार्टी संगठन में बड़े-बड़े पदों पर पहुंचे। गहलोत ने कहा कि संजय गांधी के कई फैसले नेताओं को पसंद नहीं आते थे, उसमें मैं भी था। उस समय मेरी तरह देश के कई नेताओं के संजय गांधी से विचार मेल नहीं खाते थे। फिर भी उन्हें कई पदों पर मौका मिला।

गहलोत ने कहा कि आज राहुल गांधी अपनी सोच से कांग्रेस पार्टी को आगे ले जाना चाहते हैं। पार्टी ने 42 साल तक आजाद को पार्टी में रखा। संजय गांधी के साथ इंदिरा गांधी तो गुलाम नबी आजाद की शादी में गईं थीं। नौजवान आजाद को वे आगे बढ़ाना चाहती थी। आजाद को कांग्रेस ने अवसर देने में कोई कमी नहीं रखी। जिस आजाद को कांग्रेस ने प्रदेशाध्यक्ष, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, राष्ट्रीय महासचिव से लेकर 42 साल तक पदों पर रखा हो वे आज इस तरह का पत्र लिखेंगे उसकी उम्मीद नहीं थी।

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