अहमदाबाद से पकड़ा गया पाकिस्तानी जासूस, भारतीय मोबाइल सिम कार्ड देता था आईएसआई को
अहमदाबाद, 28 सितंबर। अहमदाबाद पुलिस ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के एक एजेंट को पकड़ा है। वह नए भारतीय सेलुलर नंबर आईएसआई को उपलब्ध कराता था। इन नंबरों का उपयोग पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी सेवानिवृत्त कर्मियों से संवेदनशील रक्षा जानकारी हासिल करने के लिए कर रही थी।
अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने अब्दुल वहाब पठान नाम के पाकिस्तानी जासूस को गिरफ्तार किया है। क्राइम ब्रांच का कहना है कि इस शख्स के तार पाकिस्तानी इंटेलिजेंस से जुड़े हैं और ये भारत से सिम कार्ड खरीदकर पाकिस्तान भेजता है। 72 साल का अब्दुल वहाब पठान 2019 से यह काम कर रहा है। वह तीन से चार बार पाकिस्तान भी जा चुका है। उसके पास से कुल 10 सिम कार्ड बरामद हुए हैं। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या वह अकेले ही काम कर रहा था या अन्य लोग भी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल थे।
उसने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह कई वेबसाइट के जरिए लोगों की आईडी प्रूफ इकट्ठा करता था और उनसे सिम कार्ड खरीदता था। फिर दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग में काम करने वाले लोगों के माध्यम से आईएसआई के ऑपरेटिव्स तक पहुंचाए जाते थे। इसमें एक सिमकार्ड शहर के दाणीलीमडा निवासी मुस्तकीम तेतरा के नाम से खरीदा गया है। वहाब इन सिम कार्ड पर व्हाट्सएप एक्टिव करता और दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के इंटेलिजेंस ऑफिसर शफाकत जतोई को देता था।
भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के दौरान अपने परिवार से अलग हुआ अहमदाबाद निवासी अब्दुल वहाब पठान अपने परिवार से मिलने के बहाने तीन-चार बार पाकिस्तान जाकर आया। वह वहां परिवार से मिलने के बजाय पाकिस्तानी एजेंटों के हाथों जासूस बन गया। वह भारतीय कंपनियों के सिम कार्ड संचालित करने में पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई की मदद करता था। उसने व्हाट्सएप अकाउंट बनाकर आईएसआई को उपलब्ध करवा दिया जिसके जरिये भारत की गोपनीय सूचनाएं दी जाती थी।