माले ने सरकार से पूछा, उप्र की सड़कें कब होंगी गड्ढा मुक्त
लखनऊ, 03 अक्टूबर। भाकपा (माले) ने कानपुर में ट्रैक्टर-ट्राली दुर्घटना में हुई 26 मौतों पर गहरा शोक प्रकट किया है। मृतकों के परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है। पार्टी ने सरकार से पूछा है कि प्रदेश की सड़कें आखिर कब गड्ढा मुक्त होंगी।
सोमवार को जारी बयान में पार्टी के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने कहा कि सरकार द्वारा सड़कों को गड्ढा मुक्त करने की घोषणाएं की जाती हैं। इसकी समय सीमा भी तय कर दी जाती है। मगर फिर भी सड़कें गड्ढा मुक्त नहीं हो पाती हैं। बरसात में तो कई इलाकों में खराब सड़क के कारण चलना मुश्किल हो जाता है।
उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग को भारी भरकम बजट आवंटित होता है, लेकिन जहां तक सड़कों की देखभाल का सवाल है, तो सरकार फिसड्डी साबित होती है। यदि गड्ढा मुक्त करने की घोषणाओं पर अमल हुआ होता, तो संभव है कि कानपुर जैसे हादसे से बचा जा सकता था। दुर्घटना स्थल पर प्रशासन की ओर से त्वरित राहत व बचाव कार्य शुरु किया गया होता, पर्याप्त रोशनी का प्रबंध और एम्बुलेंस की उपलब्धता होती, तो ट्राली से दबे लोगों को जल्द निकाल कर कई मौतें रोकी जा सकती थीं।
तिकुनियां कांड: माले ने दोहराई न्याय की मांग
माले राज्य सचिव ने लखीमपुर खीरी के तिकुनियां कांड की पहली बरसी पर शहीद किसानों के लिए न्याय की मांग दोहराई। पार्टी और किसान महासभा के कार्यकर्ताओं ने तिकुनियां कांड में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी की जीप से कुचलकर मारे गए चार किसानों व एक पत्रकार को श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि सभाओं के माध्यम से हत्याकांड के मुख्य साजिशकर्ता मंत्री टेनी को बर्खास्त कर जेल भेजने और गिरफ्तार किसानों की रिहाई की मांग की गई। प्रधानमंत्री को इस आशय का ज्ञापन भेजा गया।