बिहार

बायो कम्पोस्ट, वर्मी कम्पोस्ट, बायो फर्टिलाइजर आदि का मांग के अनुरूप जिले में प्रोडक्शन करायें

बेतिया, 17 सितम्बर। जिलाधिकारी कुंदन कुमार की अध्यक्षता में शनिवार को क्षेत्रीय विकास परिषद की बैठक सम्पन्न हुयी। इस बैठक में जिले के चीनी मिलों के वरीय अधिकारी एवं किसान उपस्थित रहे। जिलाधिकारी ने कहा कि क्षेत्रीय विकास परिषद का मुख्य उदेश्य गन्ना विकास तथा गन्ना किसानों की बेहतरी है। गन्ना किसानों के कल्याण एवं उत्थान के लिए निरंतर कार्य करते रहें। साथ ही गन्ना विकास के लिए समुचित कार्रवाई भी की जाय।

उन्होंने कहा कि उन्नत किस्म के गन्ना प्रभेद नर्सरी, प्रदर्शन, प्रत्यक्षण, परिवहन, आधुनिकीकरण, उन्नत किस्म के गन्ना बीज की आपूर्ति, कार्बनिक एवं अकार्बनिक खाद, पोषक तत्वों, कीटनाशक दवाओं की आपूर्ति, पौधा संरक्षण के उपाय, विभिन्न कृषि यंत्रों, कृषि छिड़काव यंत्र, प्रशिक्षण, गन्ना उत्पादकता में वृद्धि के लिए सतत कार्य कराना सुनिश्चित किया जाय। साथ ही सिंचाई सुविधा, आवागमन एवं अन्य आधारभूत सुविधा भी गन्ना किसानों को मुहैया कराने की कारगर कार्रवाई की जाय।

उन्होंने कहा कि कुछेक गन्ना किसानों की शिकायत रहती है कि चीनी मिल प्रबंधन कुछ विशेष वेरायटी के गन्ना प्रभेदों की ही डिमांड करते हैं। चीनी मिल प्रबंधन यह प्रयास करें कि गन्ना किसानों के द्वारा उत्पादित सभी तरह के प्रभेदों का क्रय करें। साथ ही गन्ना किसानों को गन्ना विकास विभाग द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सुविधाओं को भी हर हाल में ससमय मुहैया करायी जाय।

इस पर हरिनगर एवं नरकटियागंज चीनी मिल के जीएम द्वारा बताया गया कि गन्ना प्रभेदों में मुख्यतः तीन प्रभेद होते हैं, जिसमें अर्ली वेरायटी, मीडियम वेरायटी एवं निम्न वेरायटी है। गन्ना किसानों से सभी तरह के गन्ना वेरायटी का क्रय किया जाता है। उन्होंने बताया कि वाटर लॉगिंग एवं लो लाइन वाले एरिया में गन्ना के कुछ प्रभेद नुकसान हो जाता हैं। गन्ना किसानों को वाटर लॉगिग एवं लो एरिया के मद्देनजर अच्छे प्रभेद के गन्ने का उत्पादन करने को जागरूक किया जाता है।

बैठक में चीनी मिल प्रबंधन द्वारा बताया गया कि गन्ना प्रभेद 238 एवं 0118 अच्छा प्रभेद है, जिसे जिले के ज्यादातर किसान लगा रहे हैं। आज यह वेरायटी जिले के 95 प्रतिशत भूमि पर है तथा 05 प्रतिशत भूमि पर निम्न वेरायटी है। हरिनगर चीनी मिल के जीएम द्वारा बताया गया कि विगत पांच वर्ष पूर्व मात्र 60 लाख क्विंटल गन्ना की पेराई की जाती थी लेकिन उन्नत प्रभेद आने के फलस्वरूप 01 करोड़ 75 लाख क्विंटल गन्ना की पेराई की जा रही है।

जिलाधिकारी ने पूछा कि जिले के चीनी मिलों द्वारा कितनी मात्रा में बायो कम्पोस्ट, वर्मी कम्पोस्ट, बायो फर्टिलाईजर आदि का उत्पादन किया जाता है। इससे संबंधित रिपोर्ट भी उपलब्ध करायी जाय। उन्होंने कहा कि हमें ऐसा प्रयास करना है कि जिले में मांग के अनुरूप बायो कम्पोस्ट, वर्मी कम्पोस्ट, बायो फर्टिलाईजर का प्रोडक्शन इसी जिले में हो सके। इससे रोजगार को भी बल मिलेगा और जिला आत्मनिर्भर हो सकेगा।

बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि कुमारबाग इन्डस्ट्रीयल एरिया में एक उद्यमी द्वारा सुगर मिल के उपयोग में आने वाले संयंत्रों को बनाया जा रहा है। गत दिनों सम्पन्न हुयी बैठक में उक्त उद्यमी द्वारा अपनी बात रखी गयी थी। उद्यमी द्वारा बताया गया कि अगर जिले के चीनी मिल उनके बनाये गये संयंत्र का क्रय करते हैं तो उनके उद्यम को बल मिलेगा। इस पर सभी चीनी मिल प्रबंधन द्वारा खुशी जाहिर की गयी और कहा गया कि उक्त उद्यम का मुआयना जल्द किया जायेगा मानक के अनुरूप संयंत्र होने पर क्रय भी किया जायेगा।

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