राष्ट्रीय

कोरोना: गुजरात में ओमिक्रॉन बीएफ .7 के तीन संदिग्ध मरीज मिले

अहमदाबाद, 21 दिसंबर। गुजरात में ओमिक्रॉन बीएफ .7 के तीन संदिग्ध मरीज मिलने के बाद प्रशासन सतर्क हो गया है। वडोदरा में 2 और अहमदबाद में 1 संदिग्ध मरीज मिला है। प्रशासन दोनों मरीजों के सैम्पल लेकर जिनोम सिक्वेंस मैच कराने की प्रक्रिया में जुट गया है। इसके साथ ही यह जांच की जा रही है कि वे कहीं चीन में दर्ज हुए नए वैरिएंट से तो पीड़ित नहीं हुए हैं।

राज्य का स्वास्थ्य विभाग नए वैरिएंट को लेकर सतर्क हो गया है। स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने बुधवार को गांधीनगर स्वर्णिम संकुल 1 में स्वास्थ्य विभाग की अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें कोरोना के नए वैरिएंट के संबंध में चर्चा की गई। राज्य में कोरोना के विरुद्ध जारी लड़ाई में गुजरात प्रो-एक्टिव है। हाल में रोजाना 8 से 10 हजार लोगों की कोरोना जांच की जा रही है। अभी करीब 20 से 22 सक्रिय मरीज हैं।

बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज अग्रवाल ने विदेश से आने वाले प्रवासियों की टेस्टिंग और ट्रेसिंग का आदेश दिया है। किसी भी आपात स्थिति के लिए स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर दिया गया है। अधिकारी हाल में उपलब्ध बेड, दवाएं, वैक्सीन और ऑक्सीजन समेत अन्य सभी जरूरी चीजों को लेकर स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं। लोगों में मौसमी फ्लू देखने के बाद उनका इलाज कराया जा रहा है। बैठक में उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की ओर से जो भी सूचनाएं आएंगी, उसके आधार पर तैयारी की जाएगी। फिलहाल सभी को तैयार रहने के लिए अलर्ट किया गया है। सभी ऑक्सीजन प्लांट की जांच कराने की सूचना दी गई है। उन्होंने बताया कि राज्य में लगभग 33 फीसदी लोगों ने बूस्टर डोज लिया है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव ने सभी राज्यों के सचिवों को एक पत्र लिखा है। इसमें उल्लेख है कि विश्व के कई देशों में कोरोना के केस बढ़े हैं। इसे लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। राज्य में पॉजिटिव आने वाले केसों में जिनोम सिक्वेंस पर बल दिया गया है। साथ ही सभी राज्यों को निर्देश दिए गए हैं कि पॉजिटिव केस का वे जिनोम सिक्वेंस के लिए लेबोरेटरी की मदद लें। केन्द्रीय स्वस्थ्य विभाग ने राज्यों को हर जरूरी मदद करने का आश्वासन दिया है। नए वैरिएंट मिलने पर मरीजों के लिए अलग वार्ड देने की व्यवस्था की जाएगी। राज्य सरकार ने स्पष्टता की है कि हाल में राज्य में मिले वैरिएंट बीएफ .7 और बीएफ 12 के मरीज जुलाई, अक्टूबर और नवंबर में मिले थे। इसमें राहत की बात है कि सभी मरीज ठीक हो गए थे। इन सभी मरीजों को आइसोलेशन वार्ड में रखकर इलाज किया गया था।

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