इमरान को राहत, आतंकवाद विरोधी अधिनियम की धाराएं हटाने का आदेश
इस्लामाबाद, 19 सितंबर। एक जज को धमकाने के मामले में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को राहत मिल गई है। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने इमरान खान के खिलाफ आतंकवाद विरोधी अधिनियम की धाराएं हटाने का आदेश दिया है।
पाकिस्तान सरकार की तरफ से इमरान खान पर आरोप लगाया गया था कि वे भड़काऊ भाषण देकर देश की जनता को सरकार, अदालत और सेना के खिलाफ भड़काना चाहते हैं। भड़काऊ भाषण के आरोप में उनके ऊपर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी। आरोप था कि 20 अगस्त को इस्लामाबाद की एक सभा में उन्होंने पाकिस्तान की न्यायाधीश जेबा चौधरी को धमकी दी थी। इसके अलावा कई अधिकारियों और सरकार के खिलाफ आपत्तिजनक बातें करने के आरोप लगाए गए थे। सरकार ने इमरान के भाषण को भड़काऊ माना और आरोप लगाया था कि इसके जरिए इमरान खान देश की जनता को सरकार, न्यायालय और सेना के खिलाफ भड़का कर देश में गृहयुद्ध कराना चाहते थे।
जैसे ही मामले ने तूल पकड़ना शुरू किया, सरकार और पुलिस सक्रिय हो गई। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी ने इमरान के भाषणों के लाइव प्रसारण पर रोक लगा दी। पुलिस ने इस मामले में इमरान खान पर आतंकवाद निरोधी कानून की धारा सात के तहत मुकदमा दर्ज किया। इमरान की गिरफ्तारी के लिए पुलिस उनके घर बनीगाला भी पहुंची थी लेकिन भीड़ की वजह से उसे लौटना पड़ा।
इमरान के समर्थकों ने चेतावनी दी थी कि अगर उनके नेता को गिरफ्तार किया जाएगा तो देशभर में बवाल हो जाएगा। इस्लामाबाद पर कब्जा हो जाएगा। गिरफ्तारी से बचने के लिए इमरान खान ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जिस पर बीती 22 अगस्त को उन्हें तीन दिन के लिए जमानत मिली थी। जमानत के तीन दिन बीतने पर इमरान 25 अगस्त को इस्लामाबाद स्थित आतंकवादरोधी अदालत में पेश हुए थे। अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका स्वीकार कर उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी।