जींद : श्रद्धा से मनाया गया पंचम पातशाही गुरु अर्जुन देव जी का शहीदी गुरूपर्व
जींद, 3 जून । शहीदों के सरताज पंचम पातशाही गुरु अर्जुन देव जी का शहीदी गुरुपर्व शुक्रवार को शहर के सभी गुरुद्वारों में श्रद्धा एवं उल्लास से मनाया गया। सभी गुरुद्वारों में पिछले 40 दिन से श्री सुखमनी सेवा सोसायटी के सहयोग से निरंतर चल रहे श्री सुखमनी साहिब के जाप का भोग डाल कर सुखमनी सेवा सोसायटी के सदस्यों द्वारा शब्द कीर्तन गायन किया गया तथा संगतों में कड़ाह प्रशाद के साथ साथ ठंडा शरबत भी बांटा गया।
गुरु घर के प्रवक्ता बलविंदर सिंह ने बताया कि ऐतिहासिक गुरुद्वारा गुरु तेग बहादुर साहिब में शहीदी गुरुपर्व के उपलक्ष्य में रखे गए श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अखंड पाठ का भोग डाला गया। इसके उपरांत गुरुद्वारा साहिब में गुरमत समागम सजाया गया। जिसमें गुरुद्वारा साहिब के भाई जसबीर सिंह, भाई कर्मजीत सिंह, भाई हरदीप सिंह के रागी जत्थे द्वारा शब्द कीर्तन गायन किया गया। गुरुद्वारा साहिब के हैड ग्रंथी एवं प्रसिद्ध कथा वाचक गुरविंदर सिंह रत्तक ने अपने प्रवचन में गुरु की महिमा का उल्लेख करते हुए कहा कि गुरू अर्जुन देव मुगलों की धमकियों एवं ढहाए गए जुल्मों से जरा भी विचलित नहीं हुए थे। उन्होंने अपने आप को देश और धर्म की खातिर कुर्बान कर दिया।
गुरूघर प्रवक्ता बलविंद्र सिंह ने कहा कि गुरु जी को गर्म तवे पर बैठा कर उन पर गर्म रेत डाला जाता रहा, इसके बावजूद वे शांत रहे। उनका शरीर तप रहा था लेकिन उनका मन अकाल पुरख से जुड़ा हुआ था। हमें भी उनकी तरह ही अडोल रहना चाहिए। गुरदासपुर (पंजाब) से आए कविश्री भाई जोरावर सिंह, भाई लखविंदर सिंह ढिल्लो, भाई राजबीर सिंह रंधावा के जत्थे ने गुरू अर्जुन देव की शहादत को अपनी मार्मिक कविताओं में पिरो कर संगतों को सुना कर निहाल किया। इस अवसर पर ठंडे शरबत के साथ-साथ गुरु का अटूट लंगर भी संगतों में बरताया गया। इस अवसर पर गुरुद्वारा मैनेजर परमजीत सिंह, जसबीर सिंह, कमलजीत कौर, रमनदीप सिंह, अमरजीत मक्कड़, सुभाष ढींगरा, भाई जसवंत सिंह, शोभा सिंह, गुरविंदर सिंह, हरबंस सिंह, सतनाम सिंह, परमजीत सेठी, राजकुमार एवं गुरुद्वारा स्टाफ के सभी सदस्य उपस्थित रहे।