हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार और नगर निगम से मांगा वैध क्रास-जेंडर मसाज स्पा सेंटरों का ब्योरा
नई दिल्ली, 30 अगस्त। दिल्ली हाईकोर्ट ने क्रास-जेंडर मसाज सेवा देने वाले स्पा सेंटरों पर रोक लगाने के दिल्ली सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली नगर निगम और दिल्ली सरकार से पूछा है कि वे बताएं कि उनके इलाके में कितने स्पा सेंटर के पास वैध लाइसेंस हैं। जस्टिस यशवंत वर्मा ने ये आदेश दिया। मामले की अगली सुनवाई 21 नवंबर को होगी।
आज सुनवाई के दौरान कोर्ट को सूचित किया गया कि दिल्ली में स्पा सेंटर्स की विस्तृत जानकारी देने के कोर्ट के पिछले आदेश का अनुपालन नहीं किया गया है। पहले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने नगर निगम और दिल्ली सरकार को आदेश दिया था कि वो दिल्ली में चल रहे स्पा सेंटर्स की विस्तृत जानकारी देते हुए ये बताएं कि वे कानून का पालन कर रहे हैं कि नहीं।
दिल्ली हाईकोर्ट में कुछ स्पा सेंटर्स ने दायर याचिका में क्रास-जेंडर मसाज सेवा देने वाले स्पा सेंटरों पर रोक लगाने के दिल्ली सरकार के आदेश को चुनौती दी है। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने दिसंबर 2021 में दिल्ली सरकार के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि क्रास-जेंडर मसाज सेवा देने और देह व्यापार को रोकने में कोई संबंध नहीं है। अगर इन स्पा सेंटर्स को अचानक रोका गया तो इससे वहां काम करने वाले लोगों की रोजी-रोटी पर असर पड़ेगा। कोर्ट ने नगर निगमों और दिल्ली पुलिस से कहा था कि उन्हें अनधिकृत स्पा सेंटर्स पर लगाम लगाने के लिए कदम उठाना चाहिए।
कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली में करीब पांच हजार स्पा सेंटर्स हैं जबकि तीनों नगर निगमों ने करीब चार सौ को ही लाइसेंस जारी किया है। नगर निगम और दिल्ली पुलिस अनधिकृत स्पा सेंटर्स पर रोक लगाने में नाकाम है। ऐसे में सभी स्पा सेंटर्स का लाइसेंस निलंबित करना सही नहीं है। सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने कहा था कि क्रास-जेंडर स्पा सेंटर्स को बंद करने का फैसला महिलाओं और बच्चों को देह व्यापार से बचाने के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली महिला आयोग ने इस मामले में शोध कर पाया था कि दिल्ली में चल रहे स्पा सेंटर्स देह व्यापार केंद्र के रुप में परिवर्तित हो गए हैं। सुनवाई के दौरान दिल्ली महिला आयोग और नगर निगमों ने भी क्रास-जेंडर स्पा सेंटर्स को बंद करने का बचाव किया।