उत्तर प्रदेश

रेलवे ने ‘एक स्टेशन एक उत्पाद’ की पायलट परियोजना को वाराणसी जक्शन स्टेशन पर लॉन्च किया, लकड़ी के खिलौनों की बिक्री बढ़ रही

वाराणसी, 30 सितम्बर। भारतीय रेलवे ’एक स्टेशन एक उत्पाद’ की पायलट परियोजना को वाराणसी जंक्शन स्टेशन पर लॉन्च किया है। लकड़ी के खिलौनों की बिक्री और इसकी लोकप्रियता बढ़ाने के लिए रेलवे बोर्ड ने वाराणसी जंक्शन को चिन्हित किया है । यह वाराणसी क्षेत्र का एक हस्ताक्षर हस्तशिल्प उत्पाद है। लकड़ी के खिलौनों का स्टॉल मार्च 2022 से आवंटित किया गया और इसे प्लेटफार्म नम्बर एक पर लगाया गया है। यह पहल यात्रियों के बीच बेहद लोकप्रिय रही है। स्टॉलो पर खिलौनों की बिक्री से लगातार लाभ दर्ज किया है। इस तरह रेलवे स्थानीय कारीगरों को उनके हस्तशिल्प की बिक्री के लिए एक प्रमुख मंच प्रदान करके क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में भी मदद कर रहा है।

मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि उत्तर रेलवे वर्ष 2014 से इस शहर में अपनी आधारभूत संरचनाओं को और उत्कृष्ट बना रहा है। जिससे यात्रियों को भारतीय रेल का सुखद और आरामदायक यातायात का अनुभव मिल सके । मौजूदा समय में उत्तर रेलवे का वाराणसी जंक्शन स्टेशन देश की हर दिशा से आने वाली 117 रेलगाड़ियों को प्रतिदिन हैंडल करता है । इसमें भारत की बेहद प्रतिष्ठित और लोकप्रिय पहली सेमी.हाई स्पीड रेलगाड़ी वंदे भारत एक्सप्रेस भी शामिल है । मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी ने बताया कि इस स्टेशन पर हर दिन ;औसतन 67216 से अधिक यात्रियों का आवागमन होता है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 150 फीसद अधिक यात्रियों की संख्या है । उत्तर रेलवे शहर के इस प्रमुख स्टेशन के पुनर्विकास के लिए राइट्स की मदद ले रहा है। इस पुनर्विकास कार्य के अंतर्गत स्टेशन के बाहरी संरचना का सौंदर्यीकरण, मौजूदा प्लेटफॉर्मों में सुधार, दो नए प्लेटफॉर्मों और दो नए फुट.ओवरब्रिजों का निर्माण और स्टेशन के तीसरे प्रवेश द्वार का प्रावधान शामिल हैं ।

-वाराणसी कैंट स्टेशन पर उपलब्ध सुविधाएं

वर्तमान में कैंट स्टेशन पर प्लेटफॉर्म की संख्या 09 है। प्रतीक्षालय, 2616 सीटों के समकक्ष बैठने की व्यवस्था , प्लेटफॉर्म शेल्टर कुल 16337 वर्ग मीटर, फुट.ओवर ब्रिज, एस्केलेटर 10, लिफ्ट -5 ,पेयजल के नल और वाटर कूलर ,शौचालय,कूडे़दान, पर्याप्त एलईडी लाइटें,पंखे, टाइम टेबल डिस्प्ले, इलेक्ट्रॉनिक ट्रेन इंडिकेशन बोर्ड, घड़ी,जन उदघोषणा प्रणाली,कम्प्यूटर आधारित उदघोषणाएं ,पार्किंग-सह-सर्कुलेटिंग एरिया,अमानती सामान घर, एक्जिक्यूटिव लाउंज एवं अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक लाउंज, बिजली से चलने वाले वाहनों के चार्जिंग प्वाइंटों का प्रस्ताव है।

-मालभाड़ा का संचालन

वाराणसी दो प्रमुख मेट्रो शहरों दिल्ली और कोलकाता के बीच स्थित है। इस सेक्शन पर मालगाड़ियों की भारी आवाजाही रहती है। जिसके कारण मालगाड़ियों को यात्री क्षेत्र से अलग करने की आवश्यकता महसूस की गयी । इसके लिए शिवपुर से फ्रेट बाईपास लाइन का निर्माण किया गया है। जिससे यार्ड से होकर आवाजाही कम हो सके । लाइन वाराणसी जं. के प्लेटफॉर्म 9 से काफी आगे बिछाई गई है। जिन मालगाड़ियों को वाराणसी में ऑफ़लोड नहीं करना है। उन्हें बाईपास लाइन के माध्यम से काशी से शिवपुर की ओर भेजा जा रहा है जिससे वाराणसी जंण् रेलवे स्टेशन को बाईपास किया जा सके। इससे स्टेशन क्षेत्र में यात्री रेलगाड़ियों के आवागमन को सुगम बनाए रखने में मदद मिली है । इस कदम से मालगाड़ियों की गति भी बेहतर हुई है और यार्ड डिटेंशन के कारण होने वाले समय के नुकसान को भी बचाया जा रहा है ।

-वाराणसी यार्ड रीमॉडलिंग निर्माणाधीन

वाराणसी यार्ड में लूप की लंबाई और प्लेटफॉर्म की लंबाई में वृद्धि, यात्रीगाड़ी के रख.रखाव के लिए दो नई वाशिंग लाइन और 4 सिक लाइन पिट । मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी ने बताया कि दुनिया का सबसे प्राचीन शहर वाराणसी भारत के अधिकांश धार्मिक संप्रदायों के लिए एक पावन भूमि है । भक्ति और अध्यात्म की इस नगरी में हर साल दुनिया भर से लाखों श्रद्धालु आते हैं । ऐसे में यात्री सुविधाओं को लेकर उत्तर रेलवे प्रशासन गंभीरता से कार्य कर रहा है।

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