राष्ट्रीय

उत्तराखंड में 2023 में लागू होगी समान नागरिक संहिता : मुख्यमंत्री

देहरादून, 31 दिसंबर। उत्तराखंड की सरकार साल 2022 में शानदार जीत को जनता को समर्पित कर विकास के लिए संकल्पित है। उत्तराखंड को वर्ष 2025 तक सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के मुहिम को सरकार मिशन मोड में रखकर आगे बढ़ रही है। इसी के तहत उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) और महिलाओं के क्षैतिज आरक्षण विधेयक लाकर राज्य से पलायन रोकने के लिए सार्थक और मजबूत कोशिश की है। यही नहीं सरकार अपने पहले मंत्रिमंडल में ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड’ लागू करने के लिए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया और वर्ष 2023 में इसे लागू करने के निर्णय के साथ आगे बढ़ेगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी प्रदेशवासियों को नववर्ष की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में कहा कि आने वाले वर्ष में राज्य सरकार आमजन के सहयोग से प्रदेश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का कार्य करेगी।मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की जनता ने राज्य के इतिहास में पहली बार किसी सरकार को पुनः पूर्ण बहुमत से विजय बनाया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड के चहुंमुखी विकास और सर्वश्रेष्ठ उत्तराखंड के संकल्प को लेकर निरंतर गतिमान है।

मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि वर्ष 2025 तक सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लक्ष्य के साथ प्रदेश सरकार जन अपेक्षाओं पर पूरी तरह खरी उतरने और आत्मनिर्भर उत्तराखंड का निर्माण करने की दिशा में आगे बढ़ रही हे। बीते वर्ष राज्य सरकार ने पहली कैबिनेट बैठक में अपने वादे के अनुरूप राज्य में ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड’ लागू करने के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित करने का कार्य किया। फाइनल ड्राफ्ट के आधार पर समान नागरिक संहिता प्रदेश में लागू की जाएगी। समान नागरिक संहिता कानून असमान निष्ठाओं को दूर करके प्रदेश में सामाजिक समानता की सार्थकता को सिद्ध करेगा। आगामी वर्ष 2023 में हम राज्य में समान नागरिक संहिता को लागू करने पर निर्णय लेंगे।

मुख्यमंत्री ने बताया कि महिला सशक्तिकरण के लिए महिला नीति,पलायन की रोकथाम के लिए आगामी योजना पर काम किया जा रहा है। इसी के तहत 1 जिला 2 उत्पाद योजना को गति प्रदान करने के साथ सीमांत क्षेत्रों में हवाई सेवाओं का विस्तार,आपदा प्रबंधन तंत्र को मजबूत किया जा रहा है।

इसके साथ ही सीमांत गांव को बसाने के लिए संपूर्ण विकास, केदारनाथ पुनर्निर्माण के दूसरे चरण में 180 करोड़ के कार्य,बद्रीनाथ में मास्टर प्लान के अंतर्गत कार्य में तेजी,दून-मसूरी रोप वे, खरसाली से यमुनोत्री रोपवे का निर्माण, मानसखंड योजना के तहत कुमाऊं क्षेत्र के ऐतिहासिक मंदिरों में सुविधाओं का विकास, पिथौरागढ़ के लिए 20 सीटर एयरक्राफ्ट की सेवा शुरुआत, प्रथम व सीमांत गांव में मंत्रिमंडल की बैठक,स्वास्थ्य-शिक्षा व रोजगार-स्वरोजगार पर कार्य,गंगा समेत अन्य नदियों की स्वच्छता के साथ ही विकास के अन्य कई कार्य किए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि इसके साथ ही वर्ष 2022 में राज्य सरकार ने उत्तराखंड में दो ऐतिहासिक विधेयक विधानसभा में पास किए हैं। उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2022 के पास होने के बाद प्रदेश में धर्मान्तरण को लेकर कठोर कानून का प्रविधान हो गया है। इसके अलावा उत्तराखंड लोकसेवा (महिलाओं के क्षैतिज आरक्षण) विधेयक 2022 से प्रदेश में महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था एकबार फिर से लागू हो जाएगी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र एवं राज्य सरकार के आपसी समन्वय से 300 मेगावाट की लखवाड़ बहुद्देशीय परियोजना को स्वीकृति मिली है। इस वर्ष जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना को भारत सरकार से निवेश स्वीकृति प्राप्त हुई है, जिससे नैनीताल व ऊधमसिंह नगर के तराई क्षेत्र लाभान्वित होंगे।

मानसखंड मंदिर माला मिशन और चारधाम सर्किट-

मुख्यमंत्री ने कहा केदारनाथ धाम,बद्रीनाथ धाम की तर्ज पर कुमाऊं के पौराणिक मंदिरों को भव्य बनाने के लिए मानसखंड मंदिर माला मिशन की कार्ययोजना पर राज्य सरकार कार्य कर रही है, जिससे स्थानीय निवासियों को रोजगार के नए अवसर भी प्राप्त होंगे।

चारधाम सर्किट में आने वाले सभी मंदिरों और गुरुद्वारों में भौतिक ढांचे और परिवहन सुविधाओं के विस्तार की योजना पर भी कार्य किया गया है।

चारधाम यात्रा और कावड़ मेला में रिकॉर्ड-

इस वर्ष चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इसके साथ ही इस वर्ष रिकॉर्ड संख्या में करोड़ों कावड़ यात्री हरिद्वार से गंगाजल लेकर से अपने-अपने क्षेत्रों की तरफ निकले। कांवड़ यात्रा के सफल संचालन के लिए पहली बार हमारी सरकार की ओर से बजट की अलग से व्यवस्था भी की गई थी।

दुर्गम क्षेत्रों में 1202 नए मोबाइल टावर लगाए जाएंगे-

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में मोबाइल कनेक्टिविटी के विस्तार के लिए केंद्र सरकार ने 1200 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है, जिसके माध्यम से प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में 1202 नए मोबाइल टावर स्थापित किए जा रहे हैं।

रेल, सड़क और रोपवे का विकास तेजी से हो रहा-

राज्य में सड़क मार्ग,रेल लाइन,रोपवे एवं हवाई कनेक्टिविटी पर महत्वपूर्ण कार्य हुए हैं। आज ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का कार्य तीव्र गति से प्रगति पर है। इस वर्ष प्रधानमंत्री ने सीमांत गांव माणा में कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से 3400 करोड़ से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया।

इनमें दो नए रोपवे गौरीकुंड-केदारनाथ और गोविंदघाट-हेमकुंड साहिब की आधारशिला रखने के साथ ही माणा से माणा पास और जोशीमठ से मलारी तक सड़क चौड़ीकरण परियोजनाएं भी शामिल हैं। राज्य में हवाई सेवा का विस्तार करते हुए जौलीग्रांट एयरपोर्ट से देहरादून- अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ हेली सेवा का फ्लैग ऑफ किया गया। ऑल वेदर रोड से चार धाम यात्रा के साथ ही सीमांत क्षेत्रों को टू लेन सड़क से जोड़ने का कार्य हुआ है। सड़कों के निर्माण कार्य के साथ ही देश की सीमाओं को सशक्त व सुरक्षित बनाया जा रहा है।

भ्रष्टाचार मुक्त के लिए 1064 एप लॉन्च-

प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड 1064 एप लॉन्च किया है। इस एप के माध्यम से जो भी शिकायतें मिल रही हैं, उन पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है।

32 परीक्षाओं के लिए कलेंडर जारी-

उत्तराखंड राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की लगभग 7000 पदों पर गतिमान भर्ती प्रक्रिया को उत्तराखंड लोक सेवा आयोग से संपन्न कराया जा रहा है। राज्य के युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की ओर से वर्ष 2023 के लिए कुल 32 परीक्षाओं के लिए परीक्षा कलेंडर जारी कर दिया गया है। इसमें यू.के.एस.एस.एस.सी की भी 15 परीक्षाओं को भी शामिल किया गया है।

एम्स सैटेलाइट सेंटर-

वर्ष 2022 में कुमाऊं क्षेत्र में निर्मित होने वाले ऋषिकेश एम्स के सैटेलाइट सेंटर का क्रियान्वयन भी आरंभ हो चुका है। कैबिनेट बैठक में कुमाऊं में एम्स सेटेलाइट सेन्टर के लिए किच्छा के समीप 100 एकड़ भूमि भारत सरकार को नि:शुल्क देने की मंजूरी दी गई है।

राज्य सरकार ने वात्सल्य योजना के तहत 6 हजार बच्चों के खाते में 12 करोड़ की धनराशि हस्तांतरित की है। ’मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना’ आरम्भ की है। इसके माध्यम से 8 से 14 वर्ष तक के खिलाड़ियों के लिए शारीरिक परीक्षण व क्षमता के आधार पर हर महीने 1500 प्रोत्साहन राशि प्रदान किए जा रहे है, इससे दूरस्थ गांवों में छुपी खेल प्रतिभाओं को भी एक नवीन मंच प्रदान किया जा रहा है।

‘नई शिक्षा नीति’ लागू-

राज्य सरकार ने उत्तराखंड में “नई शिक्षा नीति“ लागू की है। राज्य के 2 लाख 65 हजार विद्यार्थियों को टैबलेट खरीद के लिए धनराशि ट्रान्सफर करने के साथ ही ’उत्तराखंड डिजिटल शिक्षा क्रांति’ की शुरुआत की गई। नंदा गौरा योजना के अंतर्गत 80 हजार लाभार्थी बालिकाओं को पीएफएमएस के माध्यम से 323 करोड़ 22 लाख रुपये का डिजिटल हस्तांतरण किया गया।

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