उत्तर प्रदेश

व्रतियों ने सौभाग्य की कामना लिए डूबते सूर्य को दिया अर्घ्य

गोरखपुर, 30 अक्टूबर। नहाय-खाय से शुरू हुए आस्था के महापर्व छठ का आज तीसरा दिन रहा। घाटों पर पहुंचकर वेटिंग महिलाओं ने रविवार की शाम को प्रत्यक्ष देवता डूबते हुए भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया। अर्घ्य के साथ छठ मैया का भी इतनी ही भक्ति-भाव से पूजा अर्चन की। व्रती महिलाओं के लोक गीत स्वर गूंजते रहे।

चुस्त-दुरुस्त रही सुरक्षा

पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त कर रखा था। वर्दीधारी मुस्तैद रहे। सादे ड्रेस में भी पुलिसकर्मी ड्यूटी बजाते रहे। ड्रोन कैमरा से निगरानी होती रही। घाघरा, सरयू, राप्ती, रामगढ़ताल जैसे नदियों, तालों और तालाबों पर गोताखोर और एनडीआरएफ की टीम तैनात रही। ये जवान लगातार अपनी निगाहें घाटों पर अर्घ्य देने के लिए जाने वाली व्रतियों पर ज़मी रही। ये जवान हर अनहोनी से निपटने को पूरी तरह तैयार दिखे।

दौड़ते रहे अधिकारी

एडीजी जोन अखिल कुमार, डीआईजी गोरखपुर परिक्षेत्र गोरखपुर जे. रविंदर गौड, कमिश्नर रवि कुमार एनजी, जिलाधिकारी कृष्ण करुणेश, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉक्टर गौरव ग्रोवर, पुलिस अधीक्षक नगर कृष्ण बिश्नोई, पुलिस अधीक्षक उतरी मनोज कुमार अवस्थी, पुलिस अधीक्षक दक्षिणी अरुण कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक अपराध इंदु प्रभा सिंह, पुलिस अधीक्षक ट्रैफिक डॉ महेंद्र पाल सिंह और पुलिस अधीक्षक मंदिर सुरक्षा राकेश सिंह अपने अपने क्षेत्रों में दौड़ते रहे। अपने मातहतों को जरूरी दिशा निर्देश देते रहे। ये अधिकारी अपने सहयोगी अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ घाटों पर निगाह ज़माने हुए थे। चुस्त-दुरुस्त सुरक्षा के बीच छठ व्रती महिलाओं ने डूबते सूर्य को बिना किसी बाधा के अर्घ्य दिया।

नहाय खाय से शुरू हुआ व्रत

नहाय खाय से शुरू हुई छठ पूजा के तीसरे दिन रविवार को सभी व्रती महिलाओं ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। इसके साथ खरना संपन्न हुआ और डूबते हुए प्रत्यक्ष देवता भगवान सूर्य को दिया जाने वाला पहला अर्घ्य संपन्न हुआ।

बता दें कि मान्यता के मुताबिक शाम के समय भगवान सूर्य अपनी पत्नी प्रत्यूषा के साथ रहते हैं। ऐसे में महिलाएं अपने सुहाग और संतान की मंगलकामना लिए सायंकाल के सूर्य की अंतिम किरण प्रत्यूषा को अर्घ्य देतीं हैं और सुख-समृद्धि तथा सौभाग्य का आशीर्वाद मांगती हैं।

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