पंचाकल्याणक महोत्सव के दूसरे दिन गर्भ कल्याणक उतर क्रियायें, नित्यमह अभिषेक में पहुंचे दूर- दराज से श्रद्धालू
उपाध्याय गुप्ति सागर महाराज से सोनीपत विधायक सुरेन्द्र पवार व अन्य श्रद्धालू पंचकल्याण महोत्सव में आशीर्वाद लेते हुए।
गन्नौर। जी टी रोड स्थित गुप्तिधाम तीर्थ क्षेत्र में पंच कल्याणक महोत्सव के दूसरे दिन गर्भ कल्याणक उतर क्रियायें, नित्यमह अभिषेक, वृहद शांतिधारा, जिन्न्द्रार्चना, गर्भ कल्याणक संबधी अंतरंग संस्कार वास्तु विधान के लिए सीमन्तन संस्कार उपाध्याय गुप्ति सागर महाराज के सानिध्य में हुए। दोपहर बाद गर्भ कल्याणक का उतरा रूप, महाराजा नाभिमय का दरबार, राज्य व्यवस्था, सोलही स्वपन फल, अष्ट कुमारियों द्वारा मातृसेवा एवं धमचर्चा, प्रश्नोत्तरी का भव्य मनोहरी अदभुत दृश्य, छप्पन कुमारियों द्वारा माता को भेट अर्पण की गई। उपाध्याय गुप्ति सागर महाराज से दूसरे दिन सोनीपत के विधायक सुरेन्द्र पंवार के अलावा गणमान्य लोगों के अलावा वीरेन्द्र सोनी, सुशील जैन दिल्ली, संतोष जैन गुरूग्राम, नरेन्द्र जैन अंबाला, वी के जैन, सुनील जैन आदि ने आशीर्वाद लिया। ब्रह्मचारिणी रंजना शास्त्री व ब्रह्मचारिणी साधना, ब्रह्मचारी अशोक, ब्रह्मचारी धीरज, गुप्ति सागर धाम के पदाधिकारी एसके जैन सोनीपत, जबकि भोपाल से आई केशव एंड पार्टी ने सुर संगीत से वातावरण को भक्तिमय बनाया।
खुश होकर काम करोगे तो खुशहाल हो जाओगे : गुप्ति सागर
राष्टÑ संत उपाध्याय डा. गुप्ति सागर जी महाराज ने कहा है कि खुश रहने के लिए खुश होकर काम करोगे तो खुशहाल हो जाओगे। महाराज गुप्ति सागर ने पंचकल्याणक महोत्सव के दूसरे दिन मंगलकारी प्रवचनों की रसधारा प्रवाहित की। महाराज श्री ने कहा कि पॉजिटिव व्यक्तित्व से जीवन का नया क्षितिज निर्मित होता है। पॉजिटिव तरंगे व्यक्तित्व विकास के लिए दिनकर की तरह ओज भरने वाली होती है। सफल व्यक्तित्व के लिए सदैव दिमाग ठंडा रखने की जरूरत है। महाराज ने कहा कि जिनके मन में पॉजिटिव विचार होते हैं वे संसार में भी सुख खोज लेते हैं उनके लिए विष का प्याला भी अमृत का काम कर जाता है। बुराई में से भी अच्छाई की गवेशना (खोज) कर लेते हैं। वो तटस्थ हो किसी भी घटना को देखते हैं नजरिया अपना होता है तो नजरा बदल जाता है।