गांवों की शामलात भूमि पंचायत को दिए जाने के निर्णय के विरोध में हजारों किसान सनौली खुर्द से पानीपत पैदल पहुंचकर डीसी को सीएम के नाम देगें ज्ञापन-रावल
यमुना सुधार समिति के बैनर तले लडेगें यमुना से सट्टे दर्जनों गांव अपनी लडाई
बापौली , 5 जूलाई () : हरियाणा सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट की और से शामलात जमीन पर दिए गए निर्णय को आधार मानकर सरकार की और से वितायुक्त द्वारा शामलात जमीन की रजिस्ट्रीयां व इंतकाल रद्द कर करने के आदेशों के विरोध में गढी बेसिक गांव यमुना से लगते कई गांवों के किसानों की मिटिंग आयोजित हुई। जिसमें यमुना सुाधार समिति के प्रदेशाध्यक्ष अधिवक्ता रत्नसिहं रावल ने कहा कि यमुना नदी से सट्टे गांवों के किसानों के मास मलकियत की जमीन नाम मात्र है, जबकि शामलात की जमीन ज्यादा है। उक्त जमीन के सहारें ही दो वक्त की रोट का काम चल रहा है, लेकिन अब सरकार की और से वितायुक्त ने जमाबंदी में शामलात जमीन की हुई रजिस्ट्रियों व इंतकाल को रद्द करने के आदेश दिए है। जोकि सरेआम गलत है, इस प्रकार के आदेशों सें कई दशकों से उक्त जमीन के सहारें अपने परिवार का पालन-पोषण करने वालें गरीब किसान बिना जमीन के रह जाएगे और उनके बच्चें भुखें मरने की कगार पर पंहुच जाएगें। उन्होने कहा कि सरकार के इस फैसलें से यमुना नदी से सट्टें दजनों गांवों के किसानों को दिन रात ङ्क्षचता सताने लगी है कि जमीन चली जाने के बाद उनके बच्चों के भविष्य का क्या होगा। लेकिन सरकार का इस और कोई ध्यान नही है। अधिवक्त रत्नसिहं रावल ने कहा कि शामलात भूमि को लेकर दिए गए निर्णण का हल निकालने के लिए जल्द ही सनौली खुर्द से हजारों की सख्यां में किसान पैदल पानीपत लघुसचिवालय में पहुंचकर जिला उपायुक्त को सीएम मनोहरलाल खट्टर के नाम ज्ञापन देगें, ताकि उनकी जायज मांग का स्थाई समाधान हो सकें। उपसिथत किसानों से कहा कि वो एक साथ मिलकर यमुना सुधार समिति के बक्रर तले अपनी लडाई लडेगें। इस मोके पर निवर्तमान पत्थरगढ सरपंच अजमद मजीदी, हाजी शोकत, कोशर, सादा, अमरीश खान, बाबू खान, मांगा प्रधान, गिलजा, ईदरीश प्रधान, इस्तकार, दाऊद अलवी, तेजपाल, नाथी राम रोहिल्ला, सादा, आरीफ, हारून, रूकबान, हाशिम, डा.सबाब आलम, सालीम, जलाललुदीन शेख, कोसर आदि अनेक मौजूद थे।
फोटो फाइल.5 पीएनपी. 1- गढी बेसिक गांव में किसानों को सम्बेाधित करते यमुना सुाधार समिति के प्रदेशाध्यक्ष अधिवक्ता रत्नसिहं रावल ।