कांग्रेस और माउंटबेटेन की मिलीभगत से भारत के टुकड़े कर दिए गए : नजमा परवीन
-जिन्ना की धमकी के आगे घुटने टेक दिया था कांग्रेसियों ने
-भारतीय अवाम पार्टी के नेताओं ने मौन जुलूस निकाल कर सवाल पूछा- “भारत विभाजन क्यों ?”
वाराणसी, 14 अगस्त। भारतीय स्वतंत्रता के 75वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर रविवार को भारतीय अवाम पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लमही स्थित मुंशी प्रेमचन्द स्मृति द्वार से मौन जुलूस निकाल कर सवाल किया “भारत विभाजन क्यों ?”। स्मृति द्वार से निकला जुलूस का समापन सुभाष मंदिर पर पहुंच कर किया गया। जुलूस में शामिल कार्यकर्ता काली तख्ती लेकर चल रहे थे।
पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष नजमा परवीन ने जुलूस के समापन पर कहा कि आज की काली तारीख इतिहास में खून से लथपथ लाशों के साथ दर्ज है, जब जिन्ना के सीधी कार्यवाई के खौफ और माउंटबेटेन की कुटिल चालों के आगे कांग्रेसियों ने नतमस्तक होकर देश के टुकड़े-टुकड़े होने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी। इस काले दिन को हम सुभाषवादी कभी नहीं भूल सकते। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने माउंटबेटेन से समझौता कर देश बांट दिया।
भारत विभाजन के समय लाखो लोगों का कत्ल कर दिया गया, धार्मिक हिंसा में करोड़ों बेघर हो गए। जिन्ना ने सीधी कार्यवाई की धमकी देकर कत्ल करवा दिया। कोई कांग्रेसी जिन्ना से बात कर हिंसा नहीं रोक पाया, उपर से तुर्रा ये की अहिंसा से आजादी मिल गयी।
अन्य वक्ताओं ने कहा कि आजादी केवल नेताजी सुभाष की आजाद हिन्द सरकार की वजह से और महान क्रांतिकारियों के बलिदानों से मिली है। लेकिन कांग्रेस ने अपने परिवार के इतिहास को महान बताने के लिए क्रांतिकारियों के बलिदानों को नगण्य कर दिया। देश का विभाजन दुनियां के इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदी है। हमारे पूर्वजों ने गलती की कांग्रेस का साथ देकर, अब हम फिर से अखण्ड भारत बनायेंगे और खोई हुई भारत भूमि पर तिरंगा फहराएंगे।
मौन जुलूस में ज्ञान प्रकाश, अजय सिंह, अनिल पाण्डेय, ओम प्रकाश पाण्डेय, ओ०पी० सिंह, राजकुमार, पीयूष पाण्डेय, अशोक कुमार विश्वकर्मा, समर बहादुर पटेल, किशन बनवासी आदि शामिल रहे।